कांग्रेस नेता राहुल गांधी को रांची की एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। अमित शाह पर टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट ने उन्हें समन जारी किया है। इस मामले को लेकर नवीन झा ने रांची सिविल कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराई थी। राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा में एक हत्या का आरोपित अध्यक्ष बन सकता है लेकिन कांग्रेस में ऐसा नहीं हो सकता।
जारी हुआ समन
राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा में एक हत्या का आरोपित अध्यक्ष बन सकता है लेकिन कांग्रेस में ऐसा नहीं हो सकता।
इसी मामले में राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है जिसमें अदालत में उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने के लिए समन जारी किया है। नवीन की याचिका में कहा गया है कि राहुल के बयान से उन्हें ठेस पहुंची है और साथ में पार्टी की छवि भी खराब हुई है इसलिए शिकायतवाद दायर किया गया है।
राहुल गांधी की ओर से पूर्व में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा जारी समन को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक बार फिर राहुल गांधी को समन जारी किया है। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता नवीन झा के अधिवक्ता बिनोद कुमार साहू और अमरदीप साहू ने पैरवी की।
2018 का है मामला
गौरतलब है कि साल 2018 में राहुल गांधी ने दिल्ली के अधिवेशन में कहा था कि भाजपा में हत्या का आरोपित भी अध्यक्ष बन सकता है, लेकिन कांग्रेस में ऐसा नहीं हो सकता है। जिसको लेकर चाईबासा कोर्ट में भी शिकायत वाद दर्ज कराई गई है। यहां अदालत में इस मामले में राहुल गांधी पर पीड़क कार्यवाही नहीं की अवधि को बढ़ा दिया है।
राहुल गाँधी
राहुल राजीव गांधी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय संसद के पूर्व सदस्य हैं, जिन्होंने लोकसभा में अमेठी, उत्तर प्रदेश और वायनाड, केरल के निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया। वह मुख्य विपक्षी दल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं और 16 दिसंबर 2017 से 3 जुलाई 2019 तक पार्टी के अध्यक्ष भी रहे हैं।
राहुल भारत के प्रसिद्ध गांधी-नेहरू परिवार से हैं। राहुल को 2009 के आम चुनावों में कांग्रेस को मिली बड़ी राजनैतिक जीत का श्रेय दिया गया है। उनकी राजनैतिक रणनीतियों में जमीनी स्तर की सक्रियता पर बल देना, ग्रामीण जनता के साथ गहरे संबंध स्थापित करना और कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश करना प्रमुख हैं।
2003 में, राहुल गांधी के राष्ट्रीय राजनीति में आने के बारे में बड़े पैमाने पर मीडिया में अटकलबाजी का बाज़ार गर्म था, जिसकी उन्होंने तब कोई पुष्टि नहीं की। वह सार्वजनिक समारोहों और कांग्रेस की बैठकों में बस अपनी माँ के साथ दिखाई दिए। एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला देखने के लिए सद्भावना यात्रा पर अपनी बहन प्रियंका गाँधी के साथ पाकिस्तान भी गए।
जनवरी 2004 में राजनीति उनके और उनकी बहन के संभावित प्रवेश के बारे में अटकलें बढ़ीं जब उन्होंने अपने पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र अमेठी का दौरा किया, जहाँ से उस समय उनकी माँ सांसद थीं। उन्होंने यह कह कर कि “मैं राजनीति के विरुद्ध नहीं हूँ। मैंने यह तय नहीं किया है कि मैं राजनीति में कब प्रवेश करूँगा और वास्तव में, करूँगा भी या नहीं।” एक स्पष्ट प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया था।