अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने तीसरी बार सरकार बनाई है, जबकि सिक्किम में सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) सफल रही है। इस बार के चुनावी नतीजे दोनों राज्यों में सत्तारूढ़ दलों की स्थिति को और मजबूत किया है।
अरुणाचल प्रदेश में भाजपा की तीसरी जीत
अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने तीसरी बार लगातार सरकार बनाई है, जिसमें पार्टी ने 60 में से 41 सीटें जीती हैं। यह राज्य में भाजपा के मजबूत पकड़ को दर्शाता है। यहां पर बीजेपी ने विकास और सुरक्षा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और सरकार की विकास योजनाओं का परिणाम है।
सिक्किम में SKM की सफलता
सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) ने सत्ता बरकरार रखी है। SKM ने 32 में से 17 सीटें जीती हैं, जिससे वे स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में बने रहेंगे। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने जनता का धन्यवाद किया और कहा कि उनकी पार्टी राज्य के विकास और जनकल्याण के लिए निरंतर काम करती रहेगी।
अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने 36 सीटों पर जीत हासिल की है। मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी निर्विरोध जीते हैं। 50 सीटों पर हुए चुनाव में, भाजपा ने 36 सीटें जीतीं। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने पांच सीटें, पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ने दो सीटें और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने तीन सीटें जीतीं। कांग्रेस को एक सीट मिली और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए।
2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में 41 सीटें जीती थीं और उनका वोट प्रतिशत 54.57% था। सिक्किम में विधानसभा की 32 सीटों में से 31 पर तामांग की पार्टी एसकेएम को जीत मिली। एसकेएम की आंधी में पवन चामलिंग के सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एस़डीएफ) के सपने धराशाही हो गए।