अखिलेश यादव पीएम मोदी

नई दिल्ली। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा है। कहा, भाजपा के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग चुनावी रैली में अनर्गल बातें कहकर कांग्रेस के लिए जो झूठ फैला रहे हैं, उससे भाजपा का अपना झूठ बाहर आ रहा है।

X पर लिखा सन्देश

अखिलेश ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर लिखा कि जिन लोगों ने मेहनत से कमाए हुए गरीबों और महिलाओं के बचाए हुए दो पैसे नोटबंदी से निकाल लिए थे वो आज गहनों की बात कर रहे हैं। सच तो यह है कि जिनके पास एक-दो गहने हैं, वो मध्यवर्ग भी भाजपा के खिलाफ वोट डाल रहा है क्योंकि बेरोजगारी और महंगाई से मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के लोग भी वैसे ही प्रभावित हैं।

सपा अध्यक्ष ने लिखा, एक समुदाय विशेष के बारे में नाम लेकर गलत बात कहना पूरी दुनिया में फैले उस समुदाय का अपमान है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे देश की धर्म निरपेक्ष और लोकतांत्रिक पहचान को बहुत ठेस पहुंची है। ये एक बेहद आपत्तिजनक बयान है, जिसकी कोई माफी नहीं हो सकती।

दरअसल, भाजपा ऐसा बयान इसलिए दे रही है क्योंकि उसके अपने समर्थक तक उसको वोट नहीं दे रहे हैं। प्रथम चरण के मतदान के बाद ये हताशा भरा बयान देश से भाजपा की सरकार जाने का सबसे पहला बयान भी है और रुझान भी है। ये भाजपा की अपनी हार की स्वीकारोक्ति है। संविधान खत्म करने की मंशा रखने वाले ही ऐसी संवैधानिक भाषा का प्रयोग कर सकते हैं। चुनाव आयोग ऐसे बयान के बाद क्या किसी को चुनाव लड़ने की अनुमति देगा। इतिहास इसे याद रखेगा और इसके लिए भाजपा को माफ नहीं करेगा।

संविधान और लोकतंत्र बचाने का चुनाव

अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “यह संविधान और लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है। यह आरक्षण बचाने और अपने सम्मान को बचाने का चुनाव है। एक समय में ‘समुद्र मंथन’ हुआ था।” यह ‘संविधान मंथन’ का समय हैं।”

लोकसभा चुनाव 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘हिटलर’ तंज कसते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘जो लोग 2014 में (सत्ता में) आए थे, वे 2024 में (बाहर) जा रहे हैं।’ इसके अलावा, उन्होंने टिप्पणी की कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 ‘संविधान और लोकतंत्र’ को बचाएगा।

सपा का नारा बदलने का संकेत

इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश ने अपने इस बयान में समाजवादी पार्टी का नारा बदलने के संकेत भी दिए। उन्होंने अपने जारी बयान के आखिरी में लिखा- ‘कभी नहीं चाहिए भाजपा’। इससे पहले सपा मुखिया जो भी पोस्ट या बयान जारी करते थे उसमें लिखते थे ‘नहीं चाहिए भाजपा’।

अखिलेश यादव ने टिप्पणी क्यों की

सपा प्रमुख की टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव के एक दिन बाद आई है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति मुसलमानों को फिर से वितरित करेगी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का हवाला दिया कि अल्पसंख्यक समुदाय के पास देश के संसाधनों पर पहला दावा हैं।