नई दिल्ली। राजनीतिक दलों में परिवार की बात आते ही सबसे पहला नाम नेहरू-गांधी परिवार का आता है। प्रदेश की बात की जाए तो सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का नाम भी शामिल है। हालांकि, अब तो छोटे व बड़े सभी दलों में वंशवाद की बेल फल-फूल रही है। इस बार भी लोकतंत्र के मंदिर में राजनीति की नई पौध अपनी जड़ें जमाने की कोशिश में जुट गई है।
18वीं लोकसभा के लिए प्रदेश में राजनीतिक परिवारों की नई पीढ़ी भी अपनी किस्मत आजमा रही है। सपा व भाजपा दोनों ही दलों में वंशवाद की नई बेल राजनीति में छाने की कोशिश में जुट गई है। नई पीढ़ी में कुछ ऐसे युवा भी शामिल हैं जो विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद अब देश में अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के साथ ही कुछ कर गुजरने की तमन्ना मन में संजोए हैं।
बहराइच में सांसद के बेटे पर भाजपा ने दिया टिकट
भाजपा के मौजूदा सांसद अक्षयवर लाल के बेटे डा. आनंद गोंड बहराइच से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने पिता के बजाय इन्हें टिकट दिया है। करीब 50 वर्षीय आनंद ने एमबीए व पीएचडी किया हुआ है। इनका मुकाबला सपा के रमेश गौतम से है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अक्षयवर लाल ने 525,982 वोट पाकर जीत हासिल की। सपा के शब्बीर अहमद को 397230 वोट और कांग्रेस की सावित्रीबाई फुले को सिर्फ 34454 वोट मिले.
2014 जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने यहां से जीत हासिल की थी। मुख्य मुकाबला बीजेपी की सावित्रीबाई फुले और समाजवादी पार्टी के शब्बीर अहमद के बीच था। सावित्रीबाई फुले को 432,392 (46.3%) और शब्बीर अहमद को 336,747 (36.0%) वोट मिले। फुले ने 95,645 वोटों के अंतर से चुनाव जीता। बसपा के डॉ विजय कुमार तीसरे और कांग्रेस के कमांडो कमल किशोर चौथे स्थान पर रहे।
बेनी की पोती श्रेया को मिला गोंडा से मौका
श्रेया वर्मा पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री व सपा के कद्दावर नेता रहे दिवंगत बेनी प्रसाद वर्मा की पोती हैं। इनके पिता राकेश वर्मा सपा की सरकार में कारागार मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल से शिक्षा लेने के बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स की पढ़ाई की है। श्रेया समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। उनका मुकाबला मौजूदा सांसद व भाजपा प्रत्याशी कीर्तिवर्धन सिंह से है
घोसी से लड़ रहे कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद
योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर घोसी से चुनाव मैदान में हैं। अरविंद ओम प्रकाश राजभर के बड़े बेटे व पार्टी के प्रवक्ता हैं। ओम प्रकाश गाजीपुर की जहूराबाद सीट से विधायक हैं। भाजपा गठबंधन में शामिल सुभासपा को एक लोकसभा सीट मिली है। सुभासपा यहां पर अपने चुनाव चिन्ह छड़ी पर लड़ रही है। घोसी उन सीटों में शामिल है जहां भाजपा को पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। यहां बसपा ने भाजपा को 1,22,568 मतों के बड़े अंतर से हराया था। इस बार घोसी से सपा ने राजीव राय को टिकट दिया है।
प्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे शशांक उतरे देवरिया के रण में
दो बार सांसद रहे अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश मणि त्रिपाठी के पुत्र शशांक मणि त्रिपाठी भाजपा के टिकट से देवरिया में चुनाव लड़ रहे हैं। उनके पिता 1996 व 1999 दो बार देवरिया से सांसद रह चुके हैं। आइआइटी दिल्ली से बीटेक करने वाले शशांक मणि ने स्विट्जरलैंड से एमबीए की शिक्षा प्राप्त की है। उन्हें सांसद रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया गया है। उनका मुकाबला कांग्रेस और सपा गठबंधन के प्रत्याशी अखिलेश प्रताप सिंह से है।