तेजस्वी यादव ने बिहार की राजनीति में इस लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी अलग पहचान बनाई, जहां उन्होंने मुद्दों की राजनीति की। उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि वे लालू प्रसाद की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार और परिपक्व हैं।
चुनाव के दौरान जब सत्ता पक्ष के बड़े नेता विरोधियों पर हमले कर रहे थे, उस समय नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अंगद की तरह सियासत के मैदान में डटकर खड़े रहकर विरोधियों को उन्हीं की शैली में घेरते नजर आए।
लालू प्रसाद के स्वास्थ्य की खराब स्थिति और उनकी जेल की सजा के बीच राष्ट्रीय जनता दल के भविष्य और उत्तराधिकारी को लेकर बिहार की राजनीति में चर्चाएं हो रही थीं। लेकिन पहले 2020 के विधानसभा चुनाव और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी ने इन चर्चाओं को विराम दे दिया।
तेजस्वी ने अकेले संभाला मोर्चा
पूरे चुनाव के दौरान लालू प्रसाद नेपथ्य में रहे, जबकि तेजस्वी यादव ने अकेले अपने हेलीकॉप्टर से 250 से अधिक चुनावी सभाएं कर बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया।
तेजस्वी ने दिया मुंहतोड़ जवाब
चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने रोजगार, नौकरी, महंगाई और बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग उठाकर विरोधियों पर प्रहार किया। उन्होंने मंगलसूत्र, मंदिर-मस्जिद, मछली, मटन, आरक्षण जैसे मुद्दों पर भी मुंहतोड़ जवाब दिया।
तेजस्वी यादव ने कम समय में अपनी नेतृत्व क्षमता और शैली से बिहार के लोगों को अपना प्रशंसक बना लिया है। 2024 का लोकसभा चुनाव बिहार की राजनीति में तेजस्वी की चुनावी सभाओं, उनकी प्रचार शैली और उनके खटाखट, फटाफट और सफाचट अंदाज के लिए हमेशा याद रहेगा।