Demand for Change in NEET Exam Pattern: नीट में हुई गंभीर गड़बड़ियों और देश में हो रहे प्रदर्शन के बीच नीट एजेंसी के अलावा देश में प्री-मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा के सिस्टम पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि नीट की परीक्षा में तुरंत बदलाव करने की जरूरत है। इसे सिंगल टियर से डबल टियर में लाने और इसके प्रश्नों के पैटर्न में बदलाव करने की जरूरत है। बता दें कि देशभर के मेडिकल कॉलेज की करीब 1 लाख सीटों के लिए नीट का एग्जाम लिया जाता है।
नीट के दो चरण जरूरी
इस संबंध में सीबीएसई के पूर्व डायरेक्टर अशोक गांगुली कहते हैं कि नीट परीक्षा अब ऑफलाइन और सिंगल टियर परीक्षा हो गई है। इसे बदलने की जरूरत है। उनके अनुसार जिस परीक्षा में 10 लाख से ज्यादा स्टूडेंट बैठते हैं, उसे सिंगल टियर के बजाय डबल टियर में संपन्न किया जाना चाहिए।
नीट का मूल्यांकन सिस्टम सही नहीं
एनसीईआरटी के पूर्व डायरेक्टर और शिक्षा विद प्रोफेसर कृष्ण कुमार कहते हैं की परीक्षा का उद्देश्य है कि जिस उद्देश्य के लिए हम परीक्षा ले रहे हैं, उसका सही सैद्धांतिक आधार हो। जैसे नीट का परीक्षा भविष्य के डॉक्टर को चुनने के लिए लिया जाता है।
बच्चों से उम्मीद की जाती है कि प्रश्न पढ़ते ही वह फौरन कर जवाब में से किसी एक जवाब का चयन कर ले। यह तभी संभव होगा जब किताब, प्रश्नों का उसने कई बार अभ्यास किया हो। यह सिस्टम कहीं से भी डॉक्टरी से जुड़ा नहीं है। डॉक्टर का काम तो सोच की प्रक्रिया से गुजरता है। मगर इस मूल्यांकन सिस्टम में यह सोच नहीं है।