लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। बीजेपी के नेतृत्व में बनने वाली यह सरकार एक गठबंधन की सरकार होगी। इसमें चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की भूमिका अहम होगी। ऐसे में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने बीजेपी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। यह पहली बार ऐसा मौका होगा जब एक प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को गठबंधन की सरकार का नेतृत्व करना होगा।
गठबंधन में बनी हुई सरकार की अपनी मजबूरियां होती है। ऐसे में चुनाव से पूर्व भाजपा द्वारा किया गया वादा पूरा होगा या नहीं, यह कहना मुश्किल है। हालांकि तेलुगु रेशम पार्टी और जनता दल यूनाइटेड की तरफ से कहा गया है कि वह एनडीए के साथ पूरी तरह से हैं और देश में एनडीए की सरकार बन रही है।
हालांकि रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने अपनी दबाव वाली रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। दोनों ही तरफ से मोदी सरकार के तीसरे टर्म में अहम मंत्रालय की मांग की जा रही है। खबर है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने लोकसभा स्पीकर के पद पर दावा ठोक दिया है।
ऐसे में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद बीजेपी के लिए यह बहुत ही मुश्किल भरा समय हो सकता है। इस सरकार में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नाइट हुए किंग मेकर की भूमिका में आ गए हैं। ऐसे में नीतीश कुमार बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त फंड की डिमांड कर सकती है।
इसके साथ-साथ आंध्र प्रदेश और बिहार के विकास के लिए यहां की सरकारों द्वारा इन दोनों ही राज्यों को स्पेशल स्टेटस दिए जाने की मांग लगातार की जा रही थी। संभव है कि इस बार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू अपने-अपने राज्यों के विकास के लिए और गठबंधन में बने रहने की शर्त पर अपने राज्यों के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग कर सकते हैं।
इस प्रकार से देखा जाए तो तेलुगु देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू और जनता दल यूनाइटेड के मुखिया नीतीश कुमार मोदी सरकार के किंग मेकर की भूमिका में आ गए हैं। ऐसे में निश्चित तौर पर बीजेपी को अपने सहयोगियों को बनाए रखने के लिए कुछ समझौते करने पर सकते हैं।