हरियाणा में नायब सिंह सैनी की सरकार के सामने कुर्सी का संकट आ गया है। सरकार अल्पमत में आ गई है। हरियाणा कांग्रेस ने ये दावा किया है। निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लेने का ऐलान किया। इसकी वजह से ये संकट आ गया है। हरियाणा कांग्रेस के चीफ उदय भान ने कहा कि हरियाणा विधानसभा की मौजूदा स्ट्रेंथ 88 है।
बीजेपी के पास 40 सदस्य हैं। बीजेपी की सरकार के पास पहले जेजेपी और निर्दलीय विधायकों का समर्थन था लेकिन अब जेजेपी और निर्दलीय साथ छोड़ रहे हैं। ऐसे में सैनी सरकार बहुमत खो चुकी है और उन्हें सरकार में एक मिनट भी रहने का हक नहीं है।
3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लिया
इससे पहले, तीनों निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। धर्मपाल गोंदर ने कहा, “हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं। हम अब कांग्रेस के साथ हैं।”
गोंदर ने कहा, “हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है।” उदय भान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “तीन निर्दलीय विधायकों -सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन देने का फैसला किया है।”
22 अगस्त तक नहीं आ सकेगा अविश्वास प्रस्ताव
पूर्व मुख्मयंत्री मनोहर लाल के इस्तीफा देने से पहले 22 फरवरी 2024 को कांग्रेस बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। 22 फरवरी के बाद से अगले छह महीने तक नायब सिंह सैनी की सरकार के खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। इस हिसाब से अल्पमत में होने के बावजूद सरकार को 22 अगस्त तक कोई खतरा नहीं है। सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार अगस्त में भी विधानसभा भंग करके चुनाव की घोषणा कर सकती है।
अगर सरकार चुनाव की घोषणा नहीं करती और कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो भी बीजेपी 88 सदस्यीय विधानसभा में 45 विधायकों का आंकड़ा पेश कर सकती है। तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी के 40 विधायकों के साथ दो निर्दलीय और एक एचएलपी विधायक गोपाल कांडा का समर्थन रह गया है, जो कि बहुमत के आंकड़े से दो विधायक कम है। जेजेपी के 10 विधायकों में से सात असंतुष्ट हैं। इनसे ये कमी पूरी की जा सकती है।
समर्थन वापसी का पत्र
वर्तमान में 88 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए अब 45 विधायकों की जरूरत है, जबकि बीजेपी के पास फिलहाल यह आंकड़ा पूरा नहीं हो रहा है। जिन तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की है, उन्होंने अभी विधानसभा स्पीकर को लिखकर नहीं दिया है। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में वह लिखित में भाजपा से अपना समर्थन वापस लेने संबंधी पत्र स्पीकर को सौंप सकते हैं।
नायब सिंह सैनी
नायब सिंह सैनी (जन्म 25 जनवरी 1970) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो 12 मार्च 2024 से हरियाणा के 11वें और वर्तमान मुख्यमंत्री और 2023 से भारतीय जनता पार्टी, हरियाणा के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। वह कुरूक्षेत्र से सांसद भी थे। 2019 से 2024 तक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, 2015 से 2019 तक हरियाणा सरकार के राज्य मंत्री और 2014 से 2019 तक नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से हरियाणा विधान सभा के सदस्य। उन्हें भाजपा के विधायक दल के नेता के रूप में चुना गया और बाद में वह बने। मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री, जिनका इस्तीफा लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ हफ्ते पहले आया है।
राजनितिक करियर
उन्होंने 2010 में नारायणगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन कुल 116,039 वोटों में से 3,028 वोट हासिल कर रामकिशन गुर्जर से हार गए। 2014 में उन्होंने 24,361 वोटों से चुनाव जीता था। वह हरियाणा सरकार के राज्य मंत्री थे।
2019 के भारतीय आम चुनाव में उन्हें कुरुक्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुना गया। 2023 में, उन्हें भाजपा की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया ।