राहुल गांधी और खरगे की पीएम मोदी से मांग – जम्मू-कश्मीर को दोबारा पूर्ण राज्य बनाया जाए

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर राज्य का दर्जा बहाल करने और लद्दाख को विशेष अधिकार देने की मांग की है।

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राहुल गांधी और खरगे

Highlights

  • कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
  • जम्मू-कश्मीर को दोबारा पूर्ण राज्य बनाने की मांग
  • लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की अपील

संसद के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अहम पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की है। साथ ही लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए भी विधेयक लाने की अपील की है।

पत्र में उन्होंने लिखा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बीते पांच साल से राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। यह सिर्फ एक राजनीतिक मांग नहीं, बल्कि उनका संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी पूर्ण राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदला गया है।

प्रधानमंत्री के पुराने बयानों का हवाला

कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी के पुराने बयानों की भी याद दिलाई। उन्होंने लिखा कि 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री ने खुद कहा था कि “राज्य का दर्जा बहाल करना हमारा वादा है”। इसके बाद 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में भी उन्होंने दोहराया था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में भी यह आश्वासन दिया था कि जल्द ही राज्य का दर्जा वापस किया जाएगा। अब राहुल और खरगे ने मांग की है कि सरकार अपने वादे को निभाए और इस सत्र में एक विधेयक लाकर इसे संसद में पास कराए।

लद्दाख को मिले छठी अनुसूची का संरक्षण

पत्र में लद्दाख के विषय पर भी खास ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोगों की संस्कृति, पहचान, भूमि और राजनीतिक अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी है कि उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। इससे वहां की जनजातीय आबादी को विशेष संरक्षण मिलेगा।

राहुल गांधी और खरगे ने यह भी कहा कि लद्दाख की जनता की आकांक्षाएं लंबे समय से अनसुनी रही हैं। अब समय आ गया है कि उनकी बात को सुना जाए और संवैधानिक रूप से उन्हें उनका हक दिया जाए।

मानसून सत्र में विधेयक लाने की अपील

कांग्रेस नेताओं ने सरकार से साफ कहा है कि वे आगामी मानसून सत्र में इन दोनों अहम मुद्दों पर विधेयक लाएं। इससे न केवल सरकार की वादों के प्रति प्रतिबद्धता दिखेगी, बल्कि देश के दो संवेदनशील क्षेत्रों के लोगों को भी विश्वास मिलेगा।