गुरुग्राम में टोल टैक्स माफ़ी को लेकर ग्रामीणों का विरोध तेज, द्वारका एक्सप्रेसवे टोल प्लाजा पर पंचायत कर उठाई मांग

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गुरुग्राम। द्वारका एक्सप्रेसवे पर नवनिर्मित टोल प्लाजा के खिलाफ स्थानीय गांवों और कॉलोनियों के निवासियों ने रविवार को बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली और गुरुग्राम के करीब एक दर्जन से अधिक गांवों व रिहायशी क्षेत्रों के लोग दादा मोटे मंदिर में एकत्रित हुए और पंचायत कर यह मांग उठाई कि टोल प्लाजा के आसपास 5 से 7 किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों, कॉलोनियों और सोसायटियों के लोगों से टोल टैक्स न लिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि टोल वसूली शुरू होने से पहले इस संबंध में नीति स्पष्ट की जाए और प्रभावित लोगों को राहत दी जाए।

टोल शुरू नहीं, फिर भी विरोध

द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 9,000 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-जयपुर हाईवे से जुड़ता है और दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंच आसान बनाता है। हालांकि अभी तक टोल टैक्स लागू नहीं हुआ है, फिर भी आसपास के ग्रामीण और कॉलोनी निवासियों ने इसकी संभावित वसूली का विरोध शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि जिस तरह देश के अन्य टोल प्लाजा पर आसपास के गांव या उनकी जमीन पर विकसित कॉलोनियों के लिए टोल माफी का नियम है, वही नीति यहां भी अपनाई जानी चाहिए।

पंचायत में लिए गए निर्णय

गांव बजघेड़ा, सराय अलावर्दी, दोलताबाद, खेड़की माजरा, धनवापुर, बाबूपुर समेत कई इलाकों से लोग पहुंचे। दिल्ली के बिजवासन, बमनौली, भरथल आदि क्षेत्र से भी लोग शामिल हुए। पंचायत में मौजूद लोगों ने एकमत होकर टोल माफी की मांग का समर्थन किया। साथ ही निर्णय लिया गया कि एक समिति बनाई जाएगी जो केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाएगी। समिति उनसे आग्रह करेगी कि टोल वसूली से ग्रामीणों को राहत दी जाए।

प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा। दिल्ली के कापसहेड़ा थाना से सब-इंस्पेक्टर भी पहुंचे। ग्रामीणों ने दिल्ली और गुरुग्राम के जिला उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा। पंचायत में यह तय किया गया कि विरोध को गैर-राजनीतिक रखा जाएगा ताकि सभी वर्गों के लोग इसमें शामिल हो सकें। इस दौरान स्थानीय नेताओं जैसे ऋषिराज राणा, रामोतार राणा और सतपाल राणा ने भी समर्थन किया और टोल माफी की मांग दोहराई।

बता दें कि द्वारका एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है, जिसमें गुरुग्राम का हिस्सा 18.9 किमी और दिल्ली का हिस्सा 9.5 किमी है। हाईवे पर वाहनों की गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है। अनुमान है कि इस टोल प्लाजा पर प्रति वाहन 100 से 110 रुपये के आसपास शुल्क वसूला जाएगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली एयरपोर्ट तक यात्रा आसान हुई है और दिल्ली-जयपुर हाईवे पर ट्रैफिक का दबाव कम हुआ है।

आगे की योजना

ग्रामीणों ने घोषणा की है कि टोल माफी को लेकर आने वाले 13 सितंबर को बक्करवाला-मुंडका टोल पर महापंचायत आयोजित की जाएगी। इसमें दिल्ली के 360 गांवों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। पालम 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि यह ग्रामीणों के हक की लड़ाई है। साथ ही, दिल्ली पंचायत संघ ने भी यूईआर-2 टोल को समाप्त करने की मांग उठाई है। इसके लिए मुख्यमंत्री और सांसदों को ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई जा रही है।