पाकिस्तान में हाल ही में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सैन्य बदलाव हुआ है। आईएसआई के मौजूदा प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद आसिम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया गया है। यह पहली बार है जब कोई सक्रिय आईएसआई प्रमुख NSA के पद पर भी कार्यरत रहेगा।
आसिम मलिक की नियुक्ति और पृष्ठभूमि
लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक जो 1989 में पाकिस्तानी सेना की बलोच रेजिमेंट में शामिल हुए थे। आसिम पंजाब के सरगोधा जिले से हैं। उनके पिता गुलाम मोहम्मद मलिक भी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल थे। आसिम मलिक ने बलूचिस्तान यूनिवर्सिटी से बीएससी किया है और उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन के प्रतिष्ठित रक्षा संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है जिसमें रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज और पाकिस्तान की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से पीएचडी शामिल है।
इमरान खान और सेना के बीच संबंध
आसिम मलिक की नियुक्ति को इमरान खान के खिलाफ सेना की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज हमीद जो इमरान खान के करीबी माने जाते थे, उनके खिलाफ चल रहे मामलों की निगरानी आसिम मलिक के पास थी। इसके अलावा 9 मई को इमरान खान समर्थकों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की जांच की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गई थी। इससे संकेत मिलता है कि सेना ने इमरान खान पर नियंत्रण रखने के लिए आसिम मलिक को प्रमुख भूमिका दी है।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। ऐसे में आसिम मलिक की NSA के रूप में नियुक्ति से पाकिस्तान की सुरक्षा नीति में सेना का प्रभाव और बढ़ सकता है। यह नियुक्ति भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे संकेत मिलता है कि पाकिस्तान में सुरक्षा और विदेश नीति के निर्णयों में सेना की भूमिका और मजबूत हो रही है।