राजद-कांग्रेस के बयान पर बीजेपी का पलटवार, वक्फ एक्ट पर रैली को बताया संविधान विरोधी

पटना में आयोजित वक्फ एक्ट विरोधी रैली के बाद सियासत गरमा गई है। बीजेपी ने तेजस्वी यादव समेत पूरे विपक्ष पर संविधान विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया है। जानिए क्या है पूरा मामला और क्यों उठे शरिया कानून जैसे सवाल।

0
राजद-कांग्रेस के बयान पर बीजेपी का पलटवार, वक्फ एक्ट पर रैली को बताया संविधान विरोधी

Highlights

  • पटना में वक्फ एक्ट विरोधी रैली पर बीजेपी ने जताई आपत्ति
  • तेजस्वी यादव के बयान पर बीजेपी ने जताई नाराजगी
  • विपक्ष पर शरिया कानून लाने की कोशिश का आरोप

पटना में रविवार को आयोजित वक्फ एक्ट विरोधी रैली को लेकर सियासी माहौल गर्म हो गया है। बीजेपी ने इस रैली और उसमें दिए गए बयानों को लेकर विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि गांधी मैदान में जो बातें कहीं गईं, वे सीधे तौर पर संविधान का अपमान हैं। उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे वोट बैंक की राजनीति के लिए संविधान की अनदेखी कर रहे हैं।

वक्फ एक्ट पर तेजस्वी के बयान पर विवाद

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि रैली में राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव द्वारा वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकने जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना लोकतंत्र और संविधान दोनों का अपमान है। उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट भारतीय संसद द्वारा पारित एक कानून है और किसी भी नेता को इसे इस तरह से खारिज करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने रैली को आपातकाल के दौरान संविधान की रक्षा में दिए गए बलिदानों के खिलाफ बताया।

बीजेपी ने पूछा: बिहार में क्या लागू होगा शरिया?

बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन बिहार में शरिया कानून लागू करने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए यह सुनिश्चित करेंगे कि बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को कोई ठेस न पहुंचा सके। त्रिवेदी ने यह भी पूछा कि क्या बिहार में ऐसा कानून लाया जा रहा है जो सऊदी अरब, इंडोनेशिया और तुर्की से भी आगे बढ़कर हो। उन्होंने समाजवाद शब्द पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरजेडी और समाजवादी पार्टी का समाजवाद असल में नमाजवाद बन चुका है।

गरीबों के हक की बात नहीं, वोट बैंक की राजनीति

सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो दल समाजवाद की बात करते हैं, वे वास्तव में गरीब और जरूरतमंद लोगों के हक की बात नहीं कर रहे हैं। वो सिर्फ वोट बैंक की राजनीति में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि 49 लाख एकड़ जमीन पर कुछ खास लोगों का कब्जा रखना समाजवाद नहीं है। बीजेपी की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि वह किसी भी हालत में संविधान को नुकसान नहीं पहुंचने देगी।