दिल्ली में यमुना का जलस्तर 208 मीटर के करीब, सचिवालय तक पहुंचा पानी, राहत शिविर भी डूबे

दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए 208 मीटर के करीब पहुंच गया है। सचिवालय, सिविल लाइंस और मयूर विहार जैसे इलाकों में पानी भर गया है। राहत शिविर भी डूब चुके हैं और हजारों लोग दोबारा बेघर हो गए हैं।

0
यमुना का जलस्तर

Highlights

  • सचिवालय और सिविल लाइंस में पानी घुसा
  • निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार पर रोक
  • शरणार्थियों के सामने सबसे बड़ा संकट

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और हालात खतरनाक हो चुके हैं। गुरुवार सुबह नदी का स्तर 207.47 मीटर दर्ज किया गया और संभावना जताई जा रही है कि यह जल्द ही 208 मीटर तक पहुंच सकता है। राजधानी के निचले इलाकों में पानी भरने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। सचिवालय के आसपास तक यमुना का पानी पहुंच गया है।

यमुना का उफान इस बार दिल्ली के भीतर तक घुस आया है। सिविल लाइंस और बेला रोड इलाके में पानी भर गया है। कई गाड़ियां डूब गईं, इमारतें जलमग्न हो गईं। सचिवालय के पास भी पानी घुस जाने से प्रशासनिक कामकाज पर असर पड़ा है।

राहत शिविरों में भी घुसा पानी

मयूर विहार-फेज 1 में बनाए गए राहत शिविरों में भी अब पानी भर गया है। यहां जिन लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से लाया गया था, वे दोबारा बेघर हो गए हैं। लोग अब सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए जा रहे हैं।

यमुना के बढ़ते जलस्तर का असर निगमबोध घाट पर भी पड़ा है। घाट परिसर में कई फीट तक पानी घुस आया है और यहां अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रोक दी गई है। प्रशासन ने मिट्टी और बोरे लगाकर पानी रोकने की कोशिश की लेकिन बढ़ते बहाव के आगे यह प्रयास नाकाम साबित हुए। घाट की दीवार भी टूट गई जिससे हालात और बिगड़ गए।

शरणार्थियों पर सबसे बड़ा संकट

दिल्ली के वजीराबाद इलाके में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों के लिए यह बाढ़ बड़ी मुसीबत बन गई है। उनके घरों में पानी भर गया है और लोग सिग्नेचर ब्रिज के पास शरण लेने को मजबूर हैं। शरणार्थियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने टेंट और भोजन जैसी कोई उचित व्यवस्था नहीं की। बारिश और ठंड में खुले आसमान के नीचे रहना उनकी मजबूरी बन गया है।

हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से यमुना का स्तर और बढ़ सकता है। केंद्रीय जल आयोग ने चेतावनी दी है कि हालात 2023 जैसी तबाही का रूप ले सकते हैं। आउटर रिंग रोड और कश्मीरी गेट आईएसबीटी तक पानी पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।