झारखंड की राजनीति से एक युग का अंत: दिशोम गुरु शिबू सोरेन नहीं रहे, राज्य में 3 दिन का राजकीय शोक

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shibu soren

झारखंड की राजनीति से एक युग का अंत हो गया है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सोमवार सुबह निधन हो गया। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाजरत थे। 81 साल के शिबू सोरेन किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।

चंपई सोरेन बोले– यह एक युग का अंत है

शिबू सोरेन के निधन की खबर मिलते ही पूरे राज्य में शोक की लहर फैल गई। झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने गहरा दुख जताया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“दिशोम गुरु आदरणीय शिबू सोरेन जी के निधन की दुखद सूचना से शोकाकुल हूं। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। यह एक युग का अंत है।” उन्होंने आगे लिखा कि झारखंड आंदोलन के वक्त पहाड़ों, जंगलों और सुदूर गांवों से लेकर विधानसभा तक आपके साथ बिताए पल अब सिर्फ यादें बन गए हैं।

आदिवासी हितों की आवाज थे गुरुजी

चंपई सोरेन ने कहा कि शिबू सोरेन ने आदिवासियों, मूलवासियों और शोषित-पीड़ितों के हक के लिए हमेशा आवाज उठाई। महाजनी प्रथा और नशाखोरी के खिलाफ उन्होंने जो संघर्ष किया वो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा। उन्होंने कहा, “आप हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। आपके विचार और आदर्श हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।,”

झारखंड सरकार का फैसला– तीन दिन का राजकीय शोक

राज्य सरकार ने शिबू सोरेन के सम्मान में 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। 4 से 6 अगस्त तक झारखंड में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस दौरान सभी आधिकारिक कार्यक्रम रद्द रहेंगे और 4 व 5 अगस्त को सरकारी दफ्तर भी बंद रहेंगे।

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में सोमवार सुबह शिबू सोरेन का निधन हुआ। वह राज्यसभा सांसद भी थे। उनके निधन के साथ ही झारखंड के राजनीतिक और सामाजिक इतिहास का एक बेहद अहम अध्याय समाप्त हो गया।