गाजा में 10 घंटे का युद्धविराम: भुखमरी संकट के बीच इजरायल ने किया फैसला

भुखमरी और मानवीय संकट से जूझ रहे गाजा में इजरायल ने सीमित युद्धविराम की घोषणा की है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय दबाव और गाजा से सामने आई भयावह तस्वीरों के बीच आया है। जानिए इस 10 घंटे के युद्धविराम के पीछे की पूरी कहानी।

0
गाजा युद्धविराम
गाजा युद्धविराम

Highlights

  • इजरायल ने गाजा के तीन इलाकों में 10 घंटे का दैनिक युद्धविराम शुरू किया।
  • गाजा में बढ़ती भुखमरी को देखते हुए उठाया गया कदम।
  • संयुक्त राष्ट्र ने सहायता प्रतिबंधों में ढील का स्वागत किया।

इजरायल की सेना ने गाजा के तीन घनी आबादी वाले इलाकों में प्रतिदिन 10 घंटे का युद्धविराम शुरू कर दिया है। गाजा सिटी, दीर अल-बलाह और मुवासी में यह कदम बढ़ती भुखमरी की चिंताओं को देखते हुए उठाया गया है। रविवार से लागू हुआ यह युद्धविराम हर दिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक रहेगा। सेना ने बताया कि वह इन इलाकों में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए सुरक्षित मार्ग तैयार करेगी। पिछले दिनों इजरायल ने हवाई मार्ग से आटा, चीनी और डिब्बाबंद सामान जैसी मदद पहुंचाई थी।

वैश्विक आलोचना के बाद इजरायल का कदम

इजरायल 21 महीने से जारी युद्ध में अपने रवैये को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचना झेल रहा है। गाजा से कमजोर और कुपोषित बच्चों की तस्वीरें सामने आने के बाद आलोचना और तेज हो गई थी। यहां तक कि उसके करीबी सहयोगियों ने भी युद्ध और मानवीय संकट खत्म करने की मांग की थी। इजरायल का कहना है कि हमास मदद की वस्तुओं का गबन करता है, लेकिन इस दावे के सबूत नहीं मिले हैं।

संयुक्त राष्ट्र का रुख और गाजा का हाल

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन कहा है कि जरूरतमंदों तक सामान पहुंचाने के लिए व्यापक युद्धविराम जरूरी है। वहीं गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, इजरायल के हमलों में हाल ही में कम से कम 27 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक डॉ. मुनीर अल-बुर्श ने कहा कि अगर युद्धविराम जीवन बचाने का वास्तविक अवसर नहीं बनता तो यह व्यर्थ होगा।

मानवीय संकट पर विवाद जारी

डॉ. बुर्श ने कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए चिकित्सा आपूर्ति भेजने की अपील की और कहा कि देरी का मतलब और मौतें होंगी। इजरायल ने दोहराया है कि अगर हमास आत्मसमर्पण करता है और हथियार डालता है तो युद्ध खत्म हो सकता है। हमास के वरिष्ठ अधिकारी महमूद मरदावी का कहना है कि यह कदम इजरायल की छवि सुधारने का प्रयास है, न कि लोगों की जान बचाने का।