Highlights
- 1 सितंबर 2025 से इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट लागू
- नकली पासपोर्ट पर 7 साल जेल और 10 लाख जुर्माना
- बिना वीजा आने वालों को 5 साल जेल या 5 लाख रुपये जुर्माना
भारत में अब अवैध घुसपैठ (Illegal Immigration) को लेकर सख्त कानून लागू हो गया है। गृह मंत्रालय ने 1 सितंबर 2025 से इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025 को लागू कर दिया है। इस कानून के तहत भारत में नकली पासपोर्ट, फर्जी वीज़ा या बिना दस्तावेजों के आने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
इस नए एक्ट के मुताबिक अगर कोई विदेशी नागरिक नकली पासपोर्ट या वीजा के सहारे भारत में प्रवेश करता है तो उसे 7 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। न्यूनतम सजा 2 साल और न्यूनतम जुर्माना 1 लाख रुपये तय किया गया है। वहीं, बिना पासपोर्ट या वीजा के आने वाले घुसपैठियों को 5 साल की जेल या 5 लाख रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
नए कानून की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन (BoI) को ज्यादा अधिकार मिल गए हैं। यह एजेंसी अवैध विदेशी नागरिकों को तुरंत डिपोर्ट कर सकेगी और राज्यों के साथ सीधा तालमेल करेगी। होटल, यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल और नर्सिंग होम को विदेशी नागरिकों की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर किसी संस्थान में अवैध नागरिक पाए गए तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।
एयरलाइंस और शिप कंपनियों को भी अब नियमों का पालन करना होगा। भारत पहुंचने से पहले अपने पैसेंजर और क्रू का पूरा विवरण इमीग्रेशन अथॉरिटी को देना जरूरी होगा। इससे फर्जी पहचान छिपाकर भारत में घुसने वालों पर रोक लग सकेगी।
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इस एक्ट के लागू होने के साथ ही चार पुराने कानून खत्म हो गए हैं। इनमें पासपोर्ट (एंट्री इंटू इंडिया) एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939, फॉरेनर्स एक्ट 1946 और इमीग्रेशन (कैरियर्स लाइबिलिटी) एक्ट 2000 शामिल हैं। अब सभी मामलों को एक ही कानून के तहत निपटाया जाएगा।
गृह मंत्रालय का मानना है कि इस कदम से भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा और इमीग्रेशन व्यवस्था दोनों को मजबूती मिलेगी। साथ ही नकली दस्तावेजों की आड़ में रह रहे विदेशी नागरिकों पर सख्ती बढ़ेगी।