Key Points
- विदेश मंत्री एस जयशंकर का पाकिस्तान को कड़ा संदेश
- परमाणु ब्लैकमेल पर नहीं झुकेगा भारत
- जर्मनी ने भी भारत के रुख का समर्थन किया
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को वडोदरा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत किसी भी प्रकार के परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सख्त कार्रवाई की है।
जयशंकर ने कहा, “भारत एक सभ्यतागत राष्ट्र है जो आज अपनी सही जगह को पुनः प्राप्त कर रहा है। हम किसी भी प्रकार की धमकी या ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की विदेश नीति स्पष्ट है—हम पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों को केवल द्विपक्षीय रूप से सुलझाएंगे और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेंगे।
इससे पहले बर्लिन में जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में भी जयशंकर ने यही रुख दोहराया था। उन्होंने कहा था कि भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता रखता है और किसी भी प्रकार के परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई संघर्षविराम की सहमति पूरी तरह से द्विपक्षीय थी और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं थी।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का कड़ा रुख
जयशंकर के इन बयानों को भारत की सख्त विदेश नीति के संकेत के रूप में देखा जा रहा है जिसमें आतंकवाद और धमकी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संदेश पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से चेतावनी देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के मामलों में किसी भी प्रकार की धमकी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस बीच जर्मनी ने भी भारत के रुख का समर्थन किया है। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने कहा कि हर राष्ट्र को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है और हम भारत के इस अधिकार का समर्थन करते हैं।
जयशंकर के इस स्पष्ट और कड़े संदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब आतंकवाद और धमकी के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगा और अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।