Highlights
- खाड़ी क्षेत्र में विमान सेवा प्रभावित
- मध्य-पूर्व के एयरपोर्ट बंद
- भारत में भी तनाव का असर
इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात का असर अब हवाई सेवाओं पर भी दिखने लगा है। दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष के कारण मध्य पूर्व के कई देशों ने अपने एयरस्पेस बंद कर दिए हैं। इस फैसले के बाद हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, इज़राइल ने हाल ही में ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमला किया। इसके जवाब में ईरान ने भी मिसाइल और ड्रोन से हमला किया। इस स्थिति को देखते हुए इज़राइल, ईरान, इराक, जॉर्डन समेत कई देशों ने अपनी हवाई सीमा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। तेल अवीव का बेन गुरियन एयरपोर्ट और तेहरान के मेहराबाद एयरपोर्ट पर यात्री सेवाएं पूरी तरह रोक दी गई हैं।
वैकल्पिक मार्गों का चयन
एयरस्पेस बंद होने से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है। लेकिन इससे विमानों की उड़ान का समय और खर्च दोनों बढ़ गए हैं। कई विमानों को बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा। कतर एयरवेज, एमिरेट्स, एल अल, लुफ्थांसा जैसी बड़ी एयरलाइंस ने अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं या नए शेड्यूल पर काम कर रही हैं। भारत में भी इसका असर दिखा।कोलकाता एयरपोर्ट पर कतर एयरवेज की फ्लाइट करीब पांच घंटे देरी से रवाना हो सकी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह स्थिति लंबी चली तो इससे विमानन कंपनियों को करोड़ों डॉलर का नुकसान हो सकता है। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर एयरलाइन कंपनियां हर संभव एहतियात बरत रही हैं। इधर कई देशों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत अभियानों की तैयारी शुरू कर दी है।
फिलहाल हवाई क्षेत्र की स्थिति पर दोनों देशों की सरकारें और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां नजर बनाए हुए हैं। तनाव खत्म होने पर ही सामान्य उड़ान सेवाएं बहाल हो पाएंगी।