Nepal Voilence: नेपाल में जनरेशन Z के युवाओं का विरोध प्रदर्शन लगातार भड़कता जा रहा है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है। राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं। उनकी भीड़ ने कई मंत्रियों और नेताओं के सरकारी आवासों पर हमला कर आगजनी और तोड़फोड़ की। स्थिति इतनी खराब हो गई कि सेना को पूरी तरह सक्रिय कर मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को हेलीकॉप्टर के जरिए उनके घरों से सुरक्षित निकाला जा रहा है।
द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, भैसपति में एक मंत्री के आवास में आग लगाने के बाद सुरक्षा बलों ने उच्च पदस्थ अधिकारियों को सैन्य बैरकों में शिफ्ट कर दिया। संसद भवन की सुरक्षा के लिए सेना तैनात कर दी गई है। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास तक पहुँच गए और उसे आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, शेर बहादुर देउबा और अन्य नेताओं के आवासों पर भी पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएँ हुईं।
पीएम केपी ओली ने पद से दिया इस्तीफा
इस हिंसा के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों के हिंसक रुख के चलते पुलिस की कार्रवाई में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 350 से अधिक लोग घायल हुए हैं। कई मंत्री, जिनमें गृहमंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री शामिल हैं, ने इस्तीफा देकर विरोध की आंच में अपनी असहमति जताई है।
आंदोलन का चेहरा बने सुदन गुरुंग ने ‘हामी नेपाल’ नामक एनजीओ की शुरुआत 2015 के भूकंप के बाद की थी। उन्होंने युवाओं को एकजुट कर विरोध के लिए प्रेरित किया। गुरुंग का कहना है कि यह आंदोलन युवाओं की आवाज है, जो भ्रष्टाचार, असमानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाई जा रही पाबंदियों के खिलाफ खड़ा है।
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नेपाल में लागू किए गए सोशल मीडिया प्रतिबंध को हटाने की घोषणा तो कर दी गई है, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। देश की राजनीति एक बड़े संकट से गुजर रही है और आने वाले दिनों में इसका असर नेपाल की स्थिरता पर पड़ सकता है।