नेपाल जल रहा, पाकिस्तान का बलूचिस्तान ठप: पड़ोसी देशों में भड़का जनआक्रोश

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नेपाल और पाकिस्तान, दोनों जगह इस समय हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। नेपाल में जेन जेड आंदोलन लगातार हिंसक होता जा रहा है। राजधानी काठमांडू से लेकर दूसरे शहरों तक सरकारी दफ्तरों और नेताओं के घरों पर भीड़ ने हमला कर दिया। संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट तक को नहीं छोड़ा गया। कई नेताओं के घर जलाए गए और वित्त मंत्री की सरेआम पिटाई की खबर ने पूरे देश को हिला दिया।

सोशल मीडिया पर बैन और भ्रष्टाचार के आरोपों ने युवाओं को सड़क पर उतार दिया। पुलिस की फायरिंग में अब तक दर्जनों लोग जान गंवा चुके हैं। सरकार की ओर से कर्फ्यू लगाया गया है, लेकिन गुस्साई भीड़ पर काबू नहीं हो पा रहा।

बलूचिस्तान में विरोध तेज

उधर, पाकिस्तान के बलूचिस्तान में भी विरोध तेज है। आज कई राजनीतिक दलों ने बंद बुलाया और असर साफ दिखा। क्वेटा, ग्वादर और झोब जैसे बड़े शहरों में बाजार बंद रहे और सड़कें सुनसान दिखीं। बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने हाल ही में कई नेताओं को गिरफ्तार किया था। इसी के बाद विरोध और बढ़ गया।

गिरफ्तार किए गए नेताओं में बलूचिस्तान नेशनल पार्टी, पीटीआई, अवामी नेशनल पार्टी और जमात-ए-इस्लामी से जुड़े लोग भी शामिल हैं। सुराब, मास्तंग और लोरालाई जैसे इलाकों से भी कई नेताओं को पकड़ा गया। विरोधी दलों का आरोप है कि सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है और लोकतंत्र को खत्म कर रही है।

अवामी नेशनल पार्टी ने दावा किया कि यह बलूचिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल बंद है। उनका कहना है कि जनता अब सरकार की पाबंदियों और ज्यादतियों से तंग आ चुकी है। बलोच यकजेती कमेटी ने इसे “स्टेट टेररिज्म” तक करार दिया और कहा कि लोग एक तरफ आतंकवाद और दूसरी तरफ सरकारी दमन के बीच फंसे हुए हैं।