नेपाल में हिंसा ने लिया विकराल रूप, राष्ट्रपति का घर जलाया, 5 मंत्रियों के बाद 21 सांसदों ने दिया इस्तीफा

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नेपाल में पिछले दो दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन ने अब विकराल रूप ले लिया है। जेनरेशन Z के युवाओं ने सोशल मीडिया पर बैन और सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, जो अब हिंसक रूप में बदल चुका है। राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं और तोड़फोड़ कर रहे हैं। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के बोहोराटार स्थित निजी आवास में घुसकर भारी तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया। पुलिस और सुरक्षा बल मौके पर मौजूद थे, लेकिन स्थिति पर नियंत्रण नहीं कर सके।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, राष्ट्रपति के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर बिस्वो पौडेल और प्रधानमंत्री ओली की पार्टी के नेताओं के घरों पर भी हमले हुए। जेनरेशन Z के प्रदर्शनकारियों ने नेपाली कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय कार्यालय को भी आग लगा दी। इस हिंसा के बीच सरकार पर भ्रष्टाचार और कुशासन के आरोप लग रहे हैं।

19 युवाओं की मौत के बाद स्थिति गंभीर

स्थिति और गंभीर तब हुई जब गृहमंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री समेत कुल 5 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 सांसदों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देकर प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया। सोमवार को हुई पुलिस झड़प में 19 युवाओं की मौत के बाद आंदोलन और उग्र हो गया है।

काठमांडू घाटी समेत कई इलाकों में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने कई जगहों पर कर्फ्यू लागू कर दिया है, लेकिन युवाओं का गुस्सा थम नहीं रहा। विरोध प्रदर्शन केवल सरकार की नीतियों के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ जनआक्रोश का रूप ले चुका है।

नेपाल की राजनीति एक गंभीर मोड़ पर है। अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो देश में राजनीतिक अस्थिरता और भी बढ़ सकती है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि सरकार और प्रशासन इन हालात को कैसे नियंत्रित करते हैं।