राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आज यूपी की दो हॉट सीट अमेठी और रायबरेली से अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कई दिनों के इंतजार के बाद आखिरकार कांग्रेस ने रायबरेली से राहुल गांधी तो वहीं अमेठी से गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल (केएल) शर्मा को टिकट दिया है।

रायबरेली से सोनिया गांधी के सांसद चुने जाने के बाद च उनके प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते रहे। सोनिया गांधी के चुनाव नहीं लड़ने पर किशोरी को रायबरेली से दावेदार माना जा रहा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें रायबरेली के बजाय अमेठी से उम्मीदवार बनाया है।

राजीव गांधी के करीबी

केएल शर्मा राजीव गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के करीबी रहे। वे राहुल गांधी के साथ भी मिलकर काम करते रहे। वर्ष 1983 में राहुल गांधी केएल शर्मा को लेकर पहली बार अमेठी लाए थे। केएल शर्मा मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। हालांकि, राजीव जब उन्हें लेकर अमेठी आए तो वह यहीं के होकर रह गए।

मुझे टिकट का नहीं पता

टिकट मिलने के बाद केएल शर्मा का पहला रिएक्शन सामने आया है। केएल से जब पूछा गया कि आपको पार्टी ने अमेठी से टिकट दिया है, आपका क्या कहना है। उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मुझे अभी कुछ नहीं पता है और जब जानकारी मिलेगी तो इसपर बात करूंगा। इस बार भी अमेठी में कांग्रेसी राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे। यहां से लेकर दिल्ली तक पैरवी की गई लेकिन, शुक्रवार को जारी सूची में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा के नाम का एलान किया गया है। वर्ष 1976 में गांधी परिवार ने अमेठी में पहली बार दस्तक दी थी।

अमेठी से हुए दूर हुए राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अमेठी सीट पर जीत की हैट्रिक बनाई थी, लेकिन 2019 में चुनावी हार के बाद वे यहां से दूर हो गए। वहीं भाजपा सांसद स्मृति ईरानी लगातार इस सीट पर जमी रही हैं। ऐसे में राहुल गांधी को एक बार फिर अमेठी से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है। 2019 में भी राहुल गांधी को अमेठी सीट पर कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा।

अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस और गांधी परिवार का गढ़ मानी जाती रही है। इस सीट पर 1980 में संजय गांधी ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1984 में राजीव गांधी यहां से चुनावी मैदान में उतरे। 1991 तक वे यहां से सांसद रहे। 1999 में सोनिया गांधी ने अमेठी सीट से चुनावी मैदान में उतर कर जीत दर्ज की। 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राहुल गांधी ने जीत दर्ज की। हालांकि, 2019 में उन्हें हार कार सामना करना पड़ा।

कौन हैं केएल शर्मा?

केएल शर्मा पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। वे गांधी परिवार के खासमखास माने जाते हैं और सोनिया के चाणक्य भी कहलाते हैं। अमेठी व रायबरेली में चुनावी रणनीति बनाने और उसे मैदान पर उतारने में उनकी अहम भूमिका रहती है। किशोरी लाल 1983 से रायबरेली और अमेठी में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। केएल शर्मा सबसे पहले राजीव गांधी से मिले थे, इसके बाद नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा समन्वक की नौकरी छोड़कर कैप्टन सतीश शर्मा के साथ अमेठी आए थे। कैप्टन सतीश शर्मा और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी दोनों मित्र थे।

पुराने कांग्रेसी बताते हैं क‍ि कैप्टन शर्मा के माध्यम से ही किशोरी लाल राजीव गांधी के संपर्क में आए। तब वह जब राजीव अमेठी के सांसद रहे तो किशोरी, कैप्टन शर्मा के साथ मिलकर उनका काम देखते थे। इस बार भी अमेठी में कांग्रेसी राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे। यहां से लेकर दिल्ली तक पैरवी की गई लेकिन, शुक्रवार को जारी सूची में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा के नाम का एलान किया गया है। वैसे वर्ष 1976 में गांधी परिवार ने अमेठी में दस्तक दी थी।

अमेठी लोकसभा चुनाव 2024

अमेठी में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। शेष 63 सीटों पर, इंडिया ब्लॉक में समाजवादी पार्टी और अन्य छोटे सहयोगियों के उम्मीदवार होंगे।