हिंदुओं की मान्यता है कि भगवान राम के जन्मस्थान अयोध्या में उनका भव्य मंदिर बनना चाहिए. लेकिन इसे मुगल शासक बाबर ने तोड़कर मस्जिद बना दी. जिसके बाद काफी सदियों तक राम मंदिर निर्माण को लेकर आंदोलन चला. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इस आंदोलन को जीत, राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया. अब राम मंदिर का संपूर्ण निर्माण कार्य इसी साल के दिसंबर तक पूरा हो जाने की संभावना है. इसके साथ ही राम लला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि भी सामने आ चुकी है.
उत्तरप्रदेश के अयोध्या में श्रीराम के जन्मस्थान पर भव्य राम मंदिर का निर्माण अपने आखिरी चरम पर है. इसके दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद लगाई जा रही है. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष का कहना है कि श्रीराम की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि भी तय हो गई है. भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अगले साल यानी 22 जनवरी को की जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि इस मंदिर में ऐसी व्यवस्थाएं भी की गई है कि रामनवमी के दिन सूर्य की सीधी किरणें आकर भगवान राम की मूर्ति पर पड़ें. साथ ही इस मंदिर के गर्भ ग्रह में दो मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. जिसमें से एक होगी चल यानी की भगवान राम की बाल्यावस्था की और दूसरी होगी अचल यानी की रामलला की प्रतिमा.
बाल्यावस्था वाले राम जी की प्रतिमा 51 इंच की होगी. जिसमें वे चार या पांच साल के होंगे. रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश-विदेश के खास मेहमान शामिल होंगे. इस समारोह में लगभग 10 हजार खास लोग आमंत्रित है.