नई दिल्ली। वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी एलडीएफ के उम्मीदवार के रूप में एनी राजा मैदान में है। भाकपा महासचिव डी राजा की पत्नी और पार्टी की वरिष्ठ नेता एनी राजा राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले को वामपंथी पार्टियों को कमजोर करने की साजिश करार देती हैं।
राहुल गांधी को हराने के लिए सुबह से देर रात तक चुनाव प्रचार में जुटीं एनी यह भी स्वीकार करती हैं कि चुनाव के बाद मोदी की तानाशाही और फासीवादी नीतियों के खिलाफ संसद के भीतर राहुल गांधी और कांग्रेस के साथ खड़े होने में भाकपा को कोई गुरेज नहीं होगा
एनी राजा से जब पूछा गया कि देश के अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस और सीपीआई दोनों ही INDIA ब्लॉक का हिस्सा हैं तो फिर केरल में दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव क्यों लड़ रहे हो?
सीपीआई ने सीनियर नेताओं को मैदान में उतारा
इस सवाल के जवाब में एनी राजा ने कहा,’केरल में 20 सीटें हैं. सीपीआई ने चुनाव के ऐलान से पहले ही पूरी 20 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया था। यहां लड़ाई में बीजेपी या दूसरी कोई पार्टी दूर-दूर तक नहीं है, यहां की जंग सिर्फ कांग्रेस और लेफ्ट के बीच में है. लेफ्ट के लिए यहां का चुनाव काफी मायने रखता है. इसलिए ही सीपीआई ने पार्टी के काफी सीनियर नेताओं को मैदान में उतारा है।
राहुल गांधी ने जनता के लिए कुछ भी नही किया
एनी से ज़ब दूसरा सवाल पूछा गया की राहुल गांधी के खिलाफ जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जा रही हैं?
उन्होंने जवाब दिया राहुल गांधी ने पिछले पांच साल में जनता के लिए कुछ नहीं किया। आज भी ठीक वही वादा कर रहे हैं, जो उन्होंने पांच साल पहले किया था।
वायनाड में वन्य पशुओं की समस्या बहुत बड़ी है। राहुल गांधी ने इसे एक बार भी संसद में नहीं उठाया। कर्नाटक ने वायनाड को जोड़ने वाली सड़क को रात में बंद कर दिया है। कर्नाटक में सिद्दरमैया की सरकार से एक दिन में वे इसे खुलवा सकते हैं। वायनाड की बड़ी मुस्लिम आबादी को सीएए को लेकर आशंका है, लेकिन कांग्रेस का घोषणापत्र इसके बारे में चुप है।
एक और प्रश्न में पूछा गया की चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ तालमेल जारी रहने की उम्मीद है या नहीं?
उनका था जवाब: संसदीय प्रणाली में फासीवादी ताकतों के खिलाफ लोकतांत्रिक और पंथनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करना हमारी पार्टी का मिशन है और इसे पार्टी की कार्यकारिणी में एकजुट होकर स्वीकार किया है।
छात्र कार्यकर्ता से लेकर सीपीआई के केंद्रीय नेता तक
केरल के कन्नूर जिले के इरिट्टी की रहने वाली एनी का जन्म एक रूढ़िवादी ईसाई परिवार में हुआ था। उनके पिता थॉमस, एक किसान, एक कम्युनिस्ट थे। वह तुरंत सीपीआई में शामिल हो गईं और इसकी छात्र शाखा, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन और बाद में इसकी युवा शाखा, ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन में शामिल हो गईं।
एनी ने छात्र हितों के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया और मौजूदा सरकार से भी लोहा लिया। दिवंगत सीपीआई नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पीके वासुदेवन नायर के आग्रह पर ही एनी राजनीति में सक्रिय हुईं और पार्टी में अधिक जिम्मेदारियां संभालीं।
वायनाड केरल की खास सीट में से एक
वायनाड केरल के 20 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है। यह केरल का एक नामी शहर है। 1 नवंबर 1980 में इस शहर की स्थापना हुई थी। ‘वायनाड’ नाम ‘वायल नाडु’ से लिया गया है जिसका मतलब अंग्रेजी में ‘धान की भूमि’ होता है। इसके सात विधानसभा क्षेत्र हैं।