नई दिल्ली। 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समाप्त होने के बाद भी कांग्रेस और बीजेपी में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भव्य भगवान राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान का नेतृत्व किया था।
वहीं छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव रैली में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी के बारे में जयराम रमेश से सवाल किया गया था, जिसमे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को अस्वीकार करने के फैसले पर कांग्रेस की आलोचना की गई थी।
भाजपा पर धर्म की राजनीतिकरण का लगाया आरोप
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करने के लिए कांग्रेस पार्टी का बचाव करते हुए कहा की प्रधानमंत्री मोदी ने इसे राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया था। उन्होंने भाजपा पर धर्म की राजनीतिकरण करने का आरोप भी लगाया है ।
मेरे नाम के दोनों भाग में राम हैं…
जयराम रमेश ने कहा की कांग्रेस राम के वास्तविक पुजारी है जबकि भाजपा पर उन्होंने आरोप लगाया कि वो (भाजपा) राम के व्यापारी है। जयराम ने कहा की दिलचस्प बात यह है कि आज मेरा जन्मदिन है। मेरा नाम -जयराम रमेश है – दोनों भाग मेरे नाम में ‘राम’ है। कोई भी हमें राम विरोधी नहीं कह सकता। धर्म का राजनीतिकरण धर्म और राजनीति को भी नीचे लाता है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को बताया भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम
महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा पर धर्म का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह धर्म और राजनीति को भी नीचे लाता है। कांग्रेस ने जनवरी में हुए इस कार्यक्रम में अपने वरिष्ठ नेताओं को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि यह स्पष्ट रूप से आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम था।
राम मंदिर के निमंत्रण को किया अस्वीकार
जयराम रमेश ने कहा की कांग्रेस पार्टी ने एक बयान जारी करके कहा था कि 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए और भगवान राम का सम्मान करने वाले लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट रूप से आरएसएस/भाजपा कार्यक्रम के निमंत्रण को सम्मान पूर्वक अस्वीकार कर दिया है।