नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल यानी की मंगलवार को पीलीभीत में आयोजित चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान मंच पर सीएम योगी, भूपेंद्र चौधरी, संतोष गंगवार, जितिन प्रसाद सहित बीजेपी के कई दिग्गज नेता उपस्थित रहे, लेकिन पीलीभीत सांसद वरुण गांधी मौके पर उपस्थित नहीं थे। भाजपा के पोस्टर-बैनर से भी वरुण गांधी गायब रहे।
प्रदेश प्रमुख ने दिया जवाब
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि संगठन में सभी के अलग-अलग दायित्व हैं। हर जगह सभी का रहना आवश्यक नहीं हैं। पार्टी ने सभी के लिए अलग-अलग काम दिया है और पार्टी उनके लिए कोई और काम सोचा होगा।
जनसभा में न आना खड़े कर रहा सवाल
दो अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में भी वह पीलीभीत नहीं आए थे। मगर मंगलवार को हुई इस जनसभा में उनका न होना लोगों के लिए कई सवाल खड़ा कर गया। हालांकि, टिकट कटने के बाद सांसद वरुण गांधी ने अपने लोकसभा क्षेत्र की जनता के लिए भावुक भी पत्र लिखा था। इसमें मां का हाथ पकड़े तीन साल के बच्चे की अपनी कहानी से अपना नाता भी पीलीभीत की जनता से मजबूत किया।
भाजपा के कार्यक्रमों से बनाई दूरी
इसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान में वरुण गांधी पीलीभीत आएंगे, लेकिन अब तक उन्होंने भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी है।
35 साल में पहली बार कटा टिकट
मेनका गांधी और वरुण गांधी की कर्मस्थली रही पीलीभीत में 35 वर्ष में यह पहला मौका है, जब इन दोनों दिग्गज नेताओं में कोई भी मैदान में नहीं आया। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर चर्चित सांसदों के टिकट काटे हैं। इससे कई सांसद नाराज बताए जा रहे हैं। इस बार जहां-जहां का टिकट भाजपा ने काटा वहां पर पीएम नरेंद्र मोदी खुद कैंपेन करने पहुंच रहे हैं।
जितिन प्रसाद को मिला टिकट
1996 से पीलीभीत लोकसभा सीट पर बीजेपी ही जीतती रही है, कभी मेनका गांधी तो कभी उनके बेटे वरुण गांधी, लेकिन यह सीट हमेशा ही इन दोनों नेताओं के पास ही रही है। भाजपा ने इस बार मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है। जितिन प्रसाद शाहजहांपुर के रहने वाले हैं और यूपी सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं।