नई दिल्ली। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देवेंद्र यादव को तत्काल प्रभाव से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया और वह पार्टी के पंजाब प्रभारी की जिम्मेदारी भी निभाते रहेंगे।
नामांकन के समय क्यों जरूरी है अध्यक्ष
दरअसल, नामांकन के लिए प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह देना होता है। इसका मतलब ये है कि नामांकन के वक्त अध्यक्ष ही अपने प्रत्याशियों का सत्यापन चुनाव आयोग के सामने करता है। इसलिए किसी नेता को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाना जरूरी है। पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति में कुछ समय लग सकता है। इसीलिए पार्टी फिलहाल कार्यवाहक अध्यक्ष के बारे में ही फैसला किया है।
आत्मविश्वास के साथ उतरने की चुनौती
देवेंद्र ने ऐसे समय में संगठन की कमान संभाली है जब पार्टी गठबंधन और टिकट वितरण के सवाल पर दो फाड़ है। उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनावी मोर्चे पर पूरे आत्मविश्वास के साथ उतरने की चुनौती है। उनके सामने लवली की ओर से उठाए गए सवालों के कारण आई दरार को भरने व आप नेताओं में गठबंधन धर्म पूरी ईमानदारी से निभाने का विश्वास पैदा करने की भी चुनौती है।
उत्तर पूर्व दिल्ली क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने होर्डिंग्स व बैनरों, पोस्टरों व झंडों पर राहुल गांधी के फोटो के साथ आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल का भी फोटो लगाया है। उन्होंने मतदाताओं को लुभाने के लिए आप की उपलब्धियों का भी बखान करना शुरू किया है। लिहाजा उन्होंने अपना प्रचार अभियान पूरी तरह इंडिया गठबंधन को समर्पित कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस में पूरा दिन छाया रहा सन्नाटा
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। पार्टी कार्यालय में एक भी बड़ा नेता नहीं पहुंचा। इसके अलावा लोकसभा चुनाव को लेकर कार्यालय में कोई बैठक नहीं हुई। प्रदेश कार्यालय में केवल वॉर रूम में ही चहल-पहल दिखी। यहां सोशल मीडिया टीम के सदस्य चुनाव प्रचार करने की रणनीति के संबंध में चर्चा करते दिखे। इसके अलावा कार्यालय परिसर से लेकर तभी सभागारों व कक्षों में सन्नाटा छाया था।
अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे की वजह
अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस आलाकमान को भेजे त्यागपत्र में 10 कारण गिनाए थे। इनमें उन्होंने सबसे अधिक प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया पर निशाना साधा था। उनके व्यवहार को ही उन्होंने त्यागपत्र देने का मुख्य कारण बताया था।
देवेन्द्र यादव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) से संबंधित एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं । वह वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य और उत्तराखंड के कांग्रेस प्रभारी हैं। वह 2008-2013 और 2013-15 तक दिल्ली के बादली निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य थे और 2015 के दिल्ली चुनाव में AAP के अजेश यादव से हार गए थे।
राजनीतिक करियर
वह कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य और उत्तराखंड के कांग्रेस प्रभारी और बादली निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक हैं। वह 2009 और 2013 में दिल्ली की चौथी और पांचवीं विधानसभा के लिए चुने गए लेकिन 2015 में अजेश यादव (आप) से 35,376 वोटों के अंतर से हारे।