छठे चरण की 14 सीटों पर 162 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस चरण में पूर्व मंत्री मेनका गांधी कृपाशंकर सिंह जगदंबिका पाल दिनेश लाल यादव निरहुआ धर्मेंद्र यादव भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी लालजी वर्मा जैसे नेताओं के भाग्य का फैसला मतदाताओं को करना है। 2019 के चुनाव पर नजर डालें तो इस चरण की नौ सीटों पर भाजपा चार पर बसपा और एक पर सपा जीती थी।
डुमरियागंज लोकसभा सीट
एक दिन के मुख्यमंत्री कहे जाने वाले जगदंबिका पाल यहां से पांचवीं बार मैदान में हैं। 2009 में कांग्रेस, इसके बाद लगातार दो बार भाजपा के टिकट पर सांसद बनकर हैट ट्रिक लगा चुके पाल का मुकाबला पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे और संतकबीर नगर से दो बार सांसद रहे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी से है। कुशल तिवारी इंडी गठबंधन की ओर से सपा के प्रत्याशी हैं। बसपा ने नदीम मिर्जा को प्रत्याशी बनाकर मुस्लिम मतों के ध्रुवीकरण को रोकने का प्रयास किया है।
मछलीशहर लोकसभा सीट
हैट-ट्रिक बनाने के लिए भाजपा ने सांसद बीपी सरोज पर भरोसा जताया है। 2019 में बसपा के त्रिभुवन राम से वह मात्र 181 वोटों से जीते थे। सपा तीन बार के सांसद रहे तूफानी सरोज की 26 वर्षीय बेटी और सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रिया सरोज के भरोसे भाजपा का विजय रथ रोकने की कोशिश में है। बसपा के टिकट से पूर्व आइएएस अफसर कृपाशंकर सरोज चुनाव मैदान में हैं।
आजमगढ़ लोकसभा सीट
भाजपा और सपा के लिए नाक की लड़ाई बन गई है। विस चुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव ने 2022 में यहां से इस्तीफा दे दिया था। उपचुनाव में भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को हराकर सपा का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर कमल खिलाया। भाजपा ने निरहुआ पर ही भरोसा जताया है तो धर्मेंद्र यादव के कंधे पर मुलायम और अखिलेश की विरासत को बचाए रखने की जिम्मेदारी है। भाजपा के लिए यह सीट कितनी महत्वपूर्ण है, इसका पता इससे चलता है कि पीएम नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ यहां जनसभाएं कर चुके हैं। बसपा ने यहां से मशहूद अहमद को उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है।
अंबेडकरनगर लोकसभा सीट
सपा और भाजपा के बीच सीधी टक्कर के आसार दिख रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले बसपा छोड़कर आए सांसद रितेश पांडेय को भाजपा ने यहां प्रत्याशी बनाया है। वहीं आइएनडीआइए में सपा से लालजी वर्मा प्रत्याशी हैं। बसपा ने यहां पूर्व में घोषित प्रत्याशी मोहम्मद कलाम शाह को बदलकर उनके स्थान पर जलालपुर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष कमर हयात को प्रत्याशी बनाया है
भदोही लोकसभा सीट
इस सीट पर भाजपा ने डा. विनोद बिंद को मैदान में उतारा है। सपा ने यह सीट टीएमसी को दी है और उसने पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी को उतारा है। एक बार विधायक रहे ललितेशपति पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, बसपा ने सुरियावां क्षेत्र से चार बार जिला पंचायत सदस्य रहे हरिशंकर चौहान पर भरोसा जताया है।
फूलपुर लोकसभा सीट
भाजपा और सपा में कड़ी टक्कर है। भाजपा ने सांसद केसरी देवी पटेल का टिकट काटकर फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक प्रवीण पटेल को मैदान में उतारा है। वह तीन बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। सपा प्रत्याशी अमरनाथ मौर्य हैं और वह बसपा से शहर पश्चिम विस क्षेत्र से विधायकी लड़ चुके हैं। बसपा से जगन्नाथ पाल मैदान में हैं।