PM Surya Ghar Yojana: किराएदारों के लिए मुफ्त बिजली का मौका, जानें कैसे उठाएं लाभ

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PM Surya Ghar Yojana
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Highlights

  • किराएदारों को बिजली कनेक्शन और मकान मालिक की अनुमति जरूरी।
  • एक किलोवाट सोलर पैनल के लिए 130 वर्ग फीट जगह चाहिए।
  • सरकार 30,000 से 78,000 रुपये तक सब्सिडी देती है।

PM Surya Ghar Yojana: भारत सरकार की पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना किराएदारों के लिए भी राहत लेकर आई है। इस योजना से मकान मालिक ही नहीं अब किराएदार भी मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकते हैं। सोलर पैनल लगवाकर बिजली बिल कम किया जा सकता है। सरकार इस योजना के तहत सोलर पैनल पर भारी सब्सिडी दे रही है। इससे न केवल बिजली की बचत होगी बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा भी होगी। किराएदारों को कुछ शर्तों का पालन करना होगा।

इस योजना में किराएदारों के लिए बिजली कनेक्शन उनके नाम पर होना जरूरी है। साथ ही मकान मालिक से लिखित अनुमति लेनी होगी। अनुमति में यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि किराएदार सोलर पैनल को दूसरी जगह ले जा सकता है। यह सुविधा उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो किराए के मकान में रहते हैं।

सोलर पैनल के लिए जरूरी जगह और मजबूती

Rooftop Solar Requirements: सोलर पैनल छत पर लगाए जाते हैं। एक किलोवाट सोलर सिस्टम के लिए 130 वर्ग फीट जगह चाहिए। दो किलोवाट सिस्टम के लिए 200 वर्ग फीट जगह जरूरी है। पैनल का वजन प्रति वर्ग मीटर 10 से 20 किलोग्राम होता है। इसलिए छत की मजबूती जरूरी है। पैनल लगाने से पहले छत की जांच की जाती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि छत सोलर पैनल का वजन सहन कर सके।

किराएदारों को मकान मालिक से सहमति लेनी होगी। सहमति पत्र में सोलर पैनल को हटाने और दूसरी जगह लगाने की अनुमति शामिल होनी चाहिए। इससे किराएदार बिना किसी परेशानी के योजना का लाभ ले सकते हैं।

सरकार से मिलने वाली सब्सिडी

Solar Panel Subsidy: इस योजना के तहत सरकार सोलर पैनल की लागत पर सब्सिडी देती है। एक किलोवाट सिस्टम पर 30,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है। दो किलोवाट सिस्टम पर 60,000 रुपये और तीन किलोवाट या इससे अधिक पर 78,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। एक किलोवाट सोलर पैनल की लागत 60,000 से 70,000 रुपये के बीच होती है। सब्सिडी से लागत काफी कम हो जाती है। इससे किराएदारों के लिए सोलर पैनल लगवाना किफायती हो जाता है।

सब्सिडी का लाभ लेने के लिए सोलर पैनल अधिकृत वेंडर से लगवाना जरूरी है। नेट मीटरिंग के जरिए अतिरिक्त बिजली को बेचा जा सकता है। इससे बिजली बिल और कम हो सकता है।