मायावती स्वामी प्रसाद मौर्य

बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा प्रत्याशियों के लिए उत्तर प्रदेश में 14वीं लिस्ट जारी कर दी है। इसी के साथ ही कुशीनगर और देवरिया लोकसभा सीट पर अटकलों पर भी विराम लग गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कुशीनगर लोकसभा सीट से शुभ नारायण चौहान और देवरिया लोकसभा सीट से संदेश यादव उर्फ मिस्टर पर दांव लगाया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य को झटका

बीएसपी ने गुरुवार की सुबह लोकसभा चुनाव के लिए अपने दो और उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। बीएसपी ने इस लिस्ट में कुशीनगर और देवरिया सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया है। इस लिस्ट के सामने आते ही स्वामी प्रसाद मौर्य को बड़ा झटका लगा। कुछ दिनों से स्वामी प्रसाद मौर्य की पार्टी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी और बीएसपी के बीच गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही थी। लेकिन गुरुवार को जब बीएसपी ने अपने दो उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया तो इन अटकलों पर विराम लग गया। हालांकि इससे पहले मंगलवार को ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऐलान कर दिया था कि वह कुशीनगर सीट से नौ मई को नामांकन करेंगे।

शुभनारायण

सेना के जवान रहे शुभनारायण ने सेवानिवृत होने के बाद 2007 में बसपा का दामन थामा तो पूरी ईमानदारी से संगठन का कार्य करते रहे। 2009 से 2012 तक वे कुशीनगर के बसपा जिला प्रभारी रहे। तब बसपा की सरकार भी थी। इसके बाद उन्होंने अपने गांव से 2015 में ग्राम प्रधानी के चुनाव में भाग्य आजमाया लेकिन हार मिली।

सन्देश यादव

खुखुंदू के रहने वाले संदेश यादव के पिता आनंद यादव सलेमपुर से 1993 में विधायक थे। संदेश 2005 में राजनीति में कदम रखा। खुखुंदू से ग्राम प्रधान चुने गए। इसके बाद उनकी पत्नी दो बार ग्राम प्रधान रहीं। संदेश को विधान सभा क्षेत्र रामपुर कारखाना से बसपा ने 2022 में प्रत्याशी घोषित किया था। हालांकि नामांकन के पहले उनका टिकट कट गया था।

स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य (जन्म 2 जनवरी 1954) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और भारत के उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य थे । उन्होंने उत्तर प्रदेश के पडरौना निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया । वह 2024 तक समाजवादी पार्टी के सदस्य थे, जिससे उन्होंने इस्तीफा दे दिया। मौर्य पांच बार विधान सभा के सदस्य रहे हैं, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री , सदन के नेता और विपक्ष के नेता रहे हैं। वह योगी आदित्यनाथ मंत्रालय में श्रम, रोजगार और समन्वय के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यरत थे । 2021 तक, वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे, जिसमें वह बहुजन समाज पार्टी के साथ लंबे समय तक रहने के बाद शामिल हुए

राजनितिक करियर

मौर्य पांच बार विधायक रह चुके हैं । उन्होंने पडरौना निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक दल के सदस्य थे । वह पहले बहुजन समाज पार्टी के सदस्य थे और बसपा के सदस्य के रूप में विधानसभा के लिए चुने गए थे। 22 जून 2016 को, मौर्य ने पार्टी द्वारा चलाए जा रहे “टिकट के लिए पैसे” सिंडिकेट का आरोप लगाते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया, इस दावे का बाद में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उसी दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खंडन किया, जहां उन्होंने ऐसा करने के लिए मौर्य को धन्यवाद दिया। पार्टी का सौजन्य है कि उन्होंने खुद ही पार्टी छोड़ दी, अन्यथा बसपा के भीतर वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने के आरोप में उन्हें निष्कासित किया जाने वाला था।