नई दिल्ली। रांची में ईडी की टीम ने आज फिर से सुबह-सुबह दस्तक दी है। टीम राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के यहां पहुंची हुई है। उनके ठिकाने पर छापामारी के दौरान टीम को 25 करोड़ रुपये कैश मिले हैं। टीम पुंदाग के सेल सिटी भी पहुंची हुई है। यहां वीरेंद्र राम से जुड़े मामले में छापमारी चल रही है।
मंत्री के सहायक के घर से करोड़ों का कैश जब्त
सूत्रों से मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ईडी की टीम ने गिरफ्तार इंजीनियर वीरेंद्र राम के मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के सहायक के घर से़ कैश बरामद किये हैं। बरामद कैश की गिनती की जा रही है। ईडी ने झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को फरवरी 2023 में कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि ई़डी ने सोमवार सुबह रांची में कई जगहों पर छापेमारी की है। ईडी ने रांची के धुर्वा स्थित सेल सिटी सहित कई स्थानों पर छापेमारी की है। बताया जा रहा है निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम से जुड़े मामले में यह कार्रवाई की गई है। फिलहाल ईडी की छापेमारी जारी है। संजीव लाल के आवास में भी छापेमारी चल रही है।
लगभग ईडी के 16 अधिकारी इस कार्रवाई में शामिल हैं। सुबह 5:30 बजे ही ईडी की टीम संजीव लाल के घर पहुंची और मिली सूचना के आधार पर छापेमारी की। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अब तक अनुसार रांची के सेल सिटी और बोड़िया रोड में ईडी के रेड चल रही है।
पुंदाग के सेल सिटी भी पहुंची ईडी
इसके अलावा, पुंदाग के सेल सिटी में भी ईडी की टीम (ED Raid) पहुंची हुई है। वहां पथ निर्माण विभाग से जुड़े इंजीनियर के यहां छापमारी चल रही है। सूचना है कि 23 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार ग्रामीण कार्य विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम (Virendra Ram) से जुड़े मामले में यह छापमारी चल रही है। वीरेंद्र राम के पास सवा सौ करोड़ की संपत्ति का ईडी ने खुलासा किया था।
कौन हैं आलमगीर
झारखंड के साहिबगंज जिले के बरहड़वा प्रखंड के इस्लामपुर गांव निवासी आलमगीर आलम ने जनता के भरोसे और विश्वास पर खरा उतरते हुए पंचायत के सरपंच से झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री तक सफर कर लिया है। आलमगीर आलम 1978 में अपने गृह पंचायत महराजपुर से सरपंच पद का चुनाव लड़ा और निर्वाचित घोषित किये गये। आलमगीर आलम ने बरहड़वा में लोहे की दुकान खोल कर व्यवसाय भी किया। वर्ष 1995 में आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से पहली बार कांग्रेस से चुनाव लड़े और भाजपा के बेनी गुप्ता से हार गये।
राजनीतिक करियर
आलमगीर आलम एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में झारखंड विधानसभा में पाकुड़ निर्वाचन क्षेत्र से चार बार विधायक रहे हैं । आलम 2000, 2004, 2014 और 2019 के चुनावों में झारखंड विधानसभा के लिए चुने गए जबकि 2009 के चुनावों में वह हार गए। आलम ने 20 अक्टूबर 2006 और 12 दिसंबर 2009 के बीच झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
2019 विधानसभा चुनाव
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में आलम ने अकील अख्तर को हराकर अपनी सीट बरकरार रखी, जिन्होंने पहले 2009 के चुनावों के बाद इस सीट पर कब्जा किया था। चुनावों के बाद जिसमें कांग्रेस अपने गठबंधन सहयोगियों झामुमो और राजद के साथ विजयी हुई , आलम को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया। 29 दिसंबर 2019 को आलम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन , रामेश्वर ओरांव और सत्यानंद भोक्ता के साथ राज्य मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले शुरुआती चार सदस्यों में से थे।