भारत और यूएई ने आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति पर की चर्चा, बताया वैश्विक खतरा

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भारत और यूएई ने आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति पर की चर्चा, बताया वैश्विक खतरा

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में यूएई के अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और यह पूरी मानवता के लिए खतरा बन चुका है। यूएई ने इस बैठक के दौरान भारत की चिंताओं का समर्थन करते हुए कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इसे सुलझाने के लिए पूरी दुनिया को मिलकर काम करना होगा।

यूएई के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. अली राशिद अल नुमामी ने इस मौके पर कहा कि आतंकवाद किसी एक धर्म या समुदाय तक सीमित नहीं है बल्कि यह मानवता के लिए एक गंभीर संकट है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद की समस्या का समाधान तभी मिलेगा जब सभी देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा और आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।

इस दौरान भारतीय सांसदों ने भी पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाए और यूएई से अपील की कि वह आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए। भारतीय सांसदों ने यह भी बताया कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले तत्वों को समर्थन दे रहा है और यह पूरे क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी है।

यूएई के अधिकारियों ने पाकिस्तान पर सीधे आरोप नहीं लगाए लेकिन उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ विश्व स्तर पर एकजुट होने की आवश्यकता है। भारतीय सांसदों ने यूएई के समर्थन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया और यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध तब तक नहीं जीता जा सकता जब तक कि इसका सामना पूरी दुनिया के सहयोग से न किया जाए।