यमुना के बढ़ते पानी से बिगड़े हालात, राहत शिविरों में घुसा बाढ़ का पानी, दिल्ली पुलिस ने जारी किया ट्रैफिक अलर्ट

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। पानी राहत शिविरों में घुसने लगा है और हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए जा रहे हैं।

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दिल्ली में बाढ़
दिल्ली में बाढ़

Highlights

  • यमुना का जलस्तर 207.33 मीटर पर, 2013 का रिकॉर्ड टूटा
  • राहत शिविरों और निचले इलाकों में पानी घुसा
  • प्रशासन ने प्रभावित लोगों को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू की

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते नज़र आ रहे हैं। बुधवार शाम तक जलस्तर 207.33 मीटर तक पहुंच गया, जो 2013 के रिकॉर्ड स्तर को पार कर चुका है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब बाढ़ का असर उन राहत शिविरों पर भी पड़ने लगा है, जिन्हें खास तौर पर लोगों को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया था।

यमुना बाजार इलाके में लगाए गए कई राहत कैंपों में पानी घुस चुका है। जिन लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर यहां लाया गया था, अब उन्हें दोबारा दूसरी सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करना पड़ रहा है। प्रशासन ने इलाके को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके।

केंद्रीय जल आयोग ने जारी की चेतावनी

केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने बुधवार को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि यमुना का जलस्तर रात 8 बजे तक 207.40 मीटर तक पहुंच सकता है। यह स्तर खतरे के निशान से ऊपर है। आयोग ने यह भी बताया कि जलस्तर में बढ़ोतरी वजीराबाद और ओखला बैराज से छोड़े गए पानी पर भी निर्भर करेगी।

बाढ़ की वजह से कई इलाकों में ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित है। आउटर रिंग रोड पर मजनूं का टीला से सलीमगढ़ बायपास तक यातायात बाधित है। दिल्ली पुलिस ने कई जगह डायवर्जन लगाए हैं और यात्रियों से वैकल्पिक मार्ग अपनाने की अपील की है।

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में ऊपरी राज्यों में भारी बारिश हुई है। यही कारण है कि यमुना में पानी का प्रवाह और तेज हो गया है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।

दिल्ली सरकार ने कहा है कि यमुना के किनारे बसे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का काम चल रहा है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय है और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। इस बीच राहत-बचाव टीमें अलर्ट पर हैं और प्रभावित इलाकों से लोगों को स्कूलों और सरकारी इमारतों में बनाए गए अस्थायी शिविरों में भेजा जा रहा है।

यमुना के जलस्तर ने तोड़ा रिकॉर्ड

इतिहास में यमुना के जलस्तर का सबसे ऊंचा स्तर 2023 में दर्ज हुआ था, जब यह 208.66 मीटर तक पहुंचा था। 1978 में यह 207.49 मीटर, 2013 में 207.32 मीटर और अब 2025 में यह 207.33 मीटर तक पहुंच चुका है।

दिल्ली के PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को आईटीओ बैराज का दौरा किया। उन्होंने कहा कि सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है और 2023 जैसी भयावह स्थिति नहीं बनने दी जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और यमुना किनारे घर बनाने या वहां ठहरने से बचें।