नई दिल्ली। अरविंदर सिंह लवली के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली में पार्टी में दो फाड़ हो सकते हैं। इस पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद सिंह लवली ने घर के बाहर प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ अध्यक्ष पद छोड़ा है। अभी पार्टी नहीं छोड़ी है। किसी पार्टी में शामिल नहीं हूंगा। साथ ही कहा कि पीड़ा के चलते अध्यक्ष पद छोड़ा है। अभी कार्यकर्ताओं से बात करूंगा।
लवली ने जो कहा, उस पर ध्यान देने की जरूरत- संदीप दीक्षित
शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि, “एक पार्टी कार्यकर्ता और प्रदेश इकाई के प्रमुख के रूप में लवली के इस्तीफे का मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुख है। मुझे लगता है कि लवली ने जो कहा, उस पर ध्यान देने की जरूरत है।” पूर्व विधायक नीरज बसोया ने कहा, “लवली ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं को देखकर इस्तीफा दिया है। बाबरिया की कार्यशैली ने दिल्ली हो या हरियाणा, हर जगह समस्याएं पैदा कर दी हैं और सभी कार्यकर्ता नाराज हैं।”
क्या लोकसभा का टिकट को लेकर नाराजगी
अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि मेरे बारे में भ्रांति फैलाई जा रही है कि मैंने लोकसभा का टिकट नहीं मिलने की नाराजगी को लेकर इस्तीफा दिया है। यह गलत है। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि अरविंदर सिंह लवली बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा, ‘मैं सौरभ भारद्वाज को उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद देता हूं। मुझे लगता है कि वह अन्य पार्टियों की ओर से निर्णय लेते हैं। मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है।
अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे पर बिफरे उदित राज
अरविंद सिंह लवली के इस्तीफे पर उदित राज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जो 15 साल तक विधायक रहे, 20 साल तक मंत्री रहे, मानो पार्टी एक बार गिर भी गई लेकिन उन्होंने पार्टी को उठाने का क्या काम किया? किसी के जाने आने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। पार्टी बड़ी होती है व्यक्ति बड़ा नहीं होता।
लवली ने इन वजहों से दिया अध्यक्ष पद से इस्तीफा
खरगे को लिखे अपने इस्तीफे में लवली ने कहा था कि वो आम आदमी पार्टी से गठबंधन के खिलाफ थे। दिल्ली में बाहरी आदमी को टिकट देने को लेकर भी उनमें खासा नाराजगी थी। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट-नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में बाहरियों को टिकट दिया गया। इसके अलावा लवली ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के लिए उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ली। आप से गठबंधन के चलते कांग्रेस को केवल तीन ही सीट मिली। विरोध करने पर राजकुमार चौहान को सस्पेंड कर दिया गया। नियुक्ति का अधिकार नहीं दिया। उन्होंने इसी तरह अपने इस्तीफे के लगभग 10 कारण बताये हैं।
राजनितिक करियर
अरविंदर सिंह लवली का जन्म 11 दिसंबर 1968 को हुआ था। लवली 1998 में पही बार दिल्ली की गांधी नगर विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद साल 2003 और 2008 तथा 2013 में भी विधायक रहे। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सरकार में अरविंद सिंह लवली मंत्री पद पर भी रह चुके हैं। वे साल 2013 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। बता दें कि लवली की राजनीति कॉलेज से शुरू हुई थी। साल 1992 से 1969 तक लवली कांग्रेस पार्टी के यूथ विंग एनएनसयूआई के राष्ट्रीय सचिव बने थे। बता दें कि लवली शिक्षा, शहरी विकास और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय संभाल चुके हैं।