राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की रायबरेली, अमेठी और कैसरगंज सीट पर टिकट का सस्पेंस खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. इन तीनों सीटों पर पांचवें चरण में चुनाव हैं और नामांकन का अंतिम दिन शुक्रवार को है। इसके बावजूद अभी तक कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है। वहीं, बीजेपी ने भी कैसरगंज और रायबरेली सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। गांधी परिवार के रायबरेली और अमेठी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला अब सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया हैं।

बदलते चुनावी समीकरण के बीच कांग्रेस की ओर से बुधवार को कुंवर अजय पाल सिंह के चुनाव लड़ने की बात सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने पूर्व विधायक कुंवर अजय पाल सिंह को प्रत्याशी बनाने की तैयारी की है। अजय पाल सिंह सक्रिय राजनीति से दूरी बना चुके हैं। उन्हें अगर मैदान में उतारा जाता है तो यह लोगों को चौंकाने वाला कदम होगा। कुंवर अजय पाल सिंह बेटे की मौत के बाद से चुनावी राजनीति से दूर हैं। वह 2007 से 2012 तक ऊंचाहार से कांग्रेस से विधायक रहे हैं। इसके साथ ही वह गांधी परिवार के बेहद करीबी और भरोसेमंद माने जाते हैं।

जयराम रमेश ने क्या कहा?

जयराम रमेश ने कहा कि हम चाहते हैं कि राहुल गांधी अमेठी से और प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ें लेकिन उन्हें पूरे देश में चुनाव प्रचार करना होगा। ये दोनों हमारे स्टार प्रचारक हैं लेकिन सीईसी, कांग्रेस संगठन और कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी अमेठी से और प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ें लेकिन यह उनकी निजी पसंद है। उन्हें निर्णय लेना होगा। मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी से कहा कि अमेठी-रायबरेली गांधी परिवार नहीं लड़ेगा तो पूरे उत्तर भारत में गलत संदेश जाएगा। वहीं, राहुल गांधी का कहना है कि मैं हार से नहीं डरता। अमेठी से भी लड़ लूंगा, लेकिन जीतने पर वायनाड नहीं छोड़ूंगा। प्रियंका गांधी का कहना है कि क्या ये अच्छा लगेगा कि आजादी के आंदोलन से निकले दल से तीनों गांधी संसद में हों,ये शोभा नहीं देता।

रायबरेली सीट पर कांग्रेस-बीजेपी कन्फ्यूज

रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस ही नहीं बीजेपी ने भी अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। 2019 में कांग्रेस यूपी में रायबरेली सीट ही जीतने में कामयाब रही थी। सोनिया गांधी सांसद चुनी गई थीं, लेकिन अब वो राज्यसभा सदस्य हैं। गांधी परिवार की रायबरेली सीट परंपरागत मानी जाती है। मोदी लहर में भी कांग्रेस 2014 और 2019 में रायबरेली सीट जीतने में कामयाब रही है। इसके बाद भी कांग्रेस अभी तक रायबरेली से अपने उम्मीदवार को लेकर कोई फैसला नहीं ले सकी है। कांग्रेस ही नहीं बीजेपी भी रायबरेली लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा अभी तक नहीं कर सकी है, जबकि बसपा ने ठाकुर प्रसाद यादव को उम्मीदवार बनाया है।

गांधी परिवार का है गढ़

अमेठी और रायबरेली गांधी-नेहरू परिवार के पारंपरिक क्षेत्र माने जाते हैं, क्योंकि इस परिवार के सदस्यों ने कई दशकों तक इन सीट का प्रतिनिधित्व किया है। अमेठी सीट का प्रतिनिधित्व 2004 से राहुल गांधी ने किया और वह लगातार तीन बार इस निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य चुने गए। वह 2019 में बीजेपी की स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे।

राहुल गांधी वर्तमान में केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां से उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था।इस बार भी राहुल वायनाड से चुनाव मैदान में हैं। सात चरण के आम चुनाव के पांचवें दौर में 20 मई को अमेठी और रायबरेली निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा।