पाकिस्तानी सेना और उसकी आईएसआई की एक बार फिर असलियत सामने आ गई है। हाल ही में पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा मशीन ने एक जाने-माने आतंकी को मासूम नागरिक बताने की कोशिश की। हालांकि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ठोस सबूत पेश करके इस झूठ को बेनकाब कर दिया है।
पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति को बेगुनाह नागरिक बताया गया जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने सीमा पार से घुसपैठ करते हुए मार गिराया था। पाकिस्तान ने इस घटना को निर्दोष नागरिक की हत्या बताकर अंतरराष्ट्रीय संगठनों से हस्तक्षेप की मांग की थी।
भारत ने पेश किए ठोस सबूत
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी के पुराने वीडियो, उसके आतंकी संगठन से संबंध और पाकिस्तानी सेना के साथ उसकी मुलाकातों के सबूत सार्वजनिक किए। इनमें से कुछ दस्तावेज अंतरराष्ट्रीय मीडिया को भी भेजे गए। इससे पाकिस्तान की झूठी दलीलों की पोल खुल गई।
आतंकी का असली चेहरा
- नाम: मोहम्मद अली (उर्फ अबू तलहा)
- संगठन: जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से संबंध
- भूमिका: पुलवामा हमले में लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाला
- पाकिस्तानी सेना से संपर्क: पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के साथ कई बार मीटिंग के सबूत
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
भारत द्वारा सबूत पेश करने के बाद कई देशों ने पाकिस्तान की आलोचना की है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ भारत के अधिकार का समर्थन करते हैं। पाकिस्तान को आतंकी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।”
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने आतंकियों को मासूम नागरिक बताने की कोशिश की है। 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान ने ऐसे ही दावे किए थे। लेकिन बाद में अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने वहां आतंकी ट्रेनिंग कैंप होने की पुष्टि की थी।
भारत की चेतावनी
एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया, “हम पाकिस्तान की इन चालों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। अगर वह आतंकियों को बचाने की कोशिश करता रहा तो भारत अपनी सुरक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा।”