भारत में हिन्दू-मुस्लिम आबादी

पिछले 65 साल से देश में हिंदुओं की आबादी 8% की कमी हो गई है, जबकि इस दौरान मुस्लिम आबादी 9.84% से बढ़कर 14.09% हो गई हैं । प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, एक अध्ययन से पता चला है कि भारत में हिंदुओं की जनसंख्या हिस्सेदारी में 1950 और 2015 के बीच 7.8% की तेजी से गिरावट आई हैं। दूसरी तरफ कई भारत के पड़ोसी देशों में उनके बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में वृद्धि देखा गया है।

हिंदू जनसंख्या में कमी व मुस्लिम की आबादी में वृद्धि

रिपोर्ट के मुताबिक, ईएसी-पीएम यानी प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट की मानें तो भारत की जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी 1950 में 84% से घटकर 2015 में 78% हो गई, जबकि इसी अवधि (65 वर्ष) में मुसलमानों की हिस्सेदारी 9.84% से बढ़कर 14.09% हो गई है। भारत में बहुसंख्यक यानी हिंदुओं की आबादी 7.8 फीसदी घटी है। पड़ोसी देश म्यांमार में भी बहुसंख्यकों की आबादी में 10% की गिरावट दर्ज हुई है। नेपाल का भी हाल कुछ भारत जैसा ही है, जहां उसकी बहुसंख्यक (हिंदू) आबादी में 3.6 फीसदी की गिरावट हुई।

मुस्लिम बहुल 38 देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ी

रिपोर्ट के अनुसार इन देशों में 65 सालों में बहुसंख्यकों की आबादी में 22 फीसद की कमी आई है। लेकिन यह सिलसिला मुस्लिम बहुसंख्यक देशों पर लागू नहीं होता है। मुस्लिम बहुल 38 देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ी है। रिपोर्ट का उद्देश्य किसी देश की जनसांख्यिकी परिवर्तन का वहां की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और शासन प्रणाली पर पड़ने वाले असर का आकलन है।

पारसी और जैन आबादी में भी आई गिरावट

वहीं पारसी और जैन अल्पसंख्यक आबादी में कमी हुई है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में 1950 में 77.45 फीसद मुस्लिम आबादी थी। 2015 में बढ़कर यह 80.36 फीसद पहुंच गई। मुस्लिम आबादी में सबसे तेज बढ़ोतरी बांग्लादेश में देखने को मिली, दो 65 सालों में 74.24 से बढ़कर 88.02 फीसद तक पहुंच गई।

भारत में हिन्दू-मुस्लिम आबादी

पड़ोसी देशों का हाल

भारत के अन्य पड़ोसी देश जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं, उनमें बांग्लादेश की बहुसंख्यक आबादी में 18.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। ठीक इसी तरह पाकिस्तान में 3.75 फीसदी और अफगानिस्तान में 0.29 फीसदी बहुसंख्यक आबादी (मुस्लिम) में इजाफा हुआ है। इसके अलावा, मालदीव में उसकी बहुसंख्यक आबादी (सुन्नी) में 1.47 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

दूसरी तरफ भारत के दो और पड़ोसी देश भूटान और श्रीलंका में बहुसंख्यक आबादी में वृद्धि हुआ है। पडोसी देश भूटान में 17.6 फीसदी तो श्रीलंका में 5.25 फीसदी बहुसंख्यक आबादी बढ़ी है। श्रीलंका और भूटान में बौद्ध धर्म के लोग बहुसंख्यक हैं।

बौद्धों की आबादी 10% घटी

भारत के पूर्वी पड़ोसी देश म्यांमार की जनसंख्या में बहुसंख्यक समुदाय की हिस्सेदारी में सबसे अधिक गिरावट देखी गई। म्यांमार में थेरवाद बौद्धों की बहुसंख्यक आबादी 65 वर्षों में 10% कम हो गई। भारत और म्यांमार के अलावा नेपाल की बहुसंख्यक हिंदू आबादी में 3.6% की गिरावट देखी गई है।

एक अध्ययन के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, चीन, कनाडा, न्यूजीलैंड जैसे देशों और कुछ पूर्वी अफ्रीकी देशों की जनसंख्या में बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में भारत की तुलना में ज्यादा गिरावट देखी गई है। 167 देशों में बहुसंख्यक समुदाय की हिस्सेदारी 1950-2015 से औसतन 22% कम हो गई है। इसके अतिरिक्त 35 उच्च आय वाले आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के देशों में बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में 29% की औसत गिरावट देखी गई, जो वैश्विक औसत 22% से अधिक है।

रिपोर्ट किसके द्वारा तैयार किया गया

पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की रिपोर्ट में देश की धार्मिक आबादी की जानकारी दी गई है. इस रिपोर्ट को ईएसी-पीएम की सदस्य शमिका रवि, ईएसी-पीएम के कंसल्टेंट अपूर्व कुमार मिश्रा और ईएसी-पीएम के प्रोफेशनल अब्राहम जोस ने तैयार किया है।