Highlights
- रक्सौल बॉर्डर पर एसएसबी ने अस्थायी पोस्ट बनाना शुरू किया
- कस्टम विभाग ने निर्माण पर आपत्ति जताई, थाने में शिकायत दी
- नेपाल ने भी भारत की कार्रवाई पर आपत्ति दर्ज कराई
भारत और नेपाल के बीच शांतिपूर्ण संबंधों के बीच एक बार फिर से सीमा पर तनाव की स्थिति बन गई है। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल स्थित भारत-नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 47वीं बटालियन ने एक नया अस्थायी पोस्ट बनाना शुरू किया। इससे विवाद गहराता जा रहा है। यह पोस्ट मैत्री पुल के पास पैदल यात्री फुटपाथ पर बनाया जा रहा है जो भारत के लैंड कस्टम कार्यालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। कस्टम विभाग ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए निर्माण कार्य को रुकवाने की कोशिश की है।
कस्टम अधिकारियों का कहना है कि इस क्षेत्र में बिना उनकी अनुमति के कोई भी एजेंसी अस्थायी या स्थायी निर्माण नहीं कर सकती। इस मामले को लेकर कस्टम विभाग ने हरैया थाना पुलिस को सूचित किया और एसएसबी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन भी दिया है। कस्टम आयुक्त मोहन कुमार मीणा ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी जिले के डीएम और एसपी को दी है और प्रशासन से इस पर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
नेपाल ने दर्ज कराई आपत्ति
इस घटना पर नेपाल की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। नेपाल के पर्सा जिले के एपीएफ डीएसपी लोकेंद्र बहादुर सूबा खुद मौके पर पहुंचे और भारत की इस कार्रवाई को भारत-नेपाल मैत्री के खिलाफ बताया। नेपाल सरकार की ओर से इस पर आधिकारिक आपत्ति भी दर्ज कराई गई है। नेपाल का कहना है कि यह गतिविधि सीमा क्षेत्र में रिश्तों को प्रभावित कर सकती है।
रविवार को दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत भी हुई। इस बातचीत में एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट दिव्यांशु चौहान, नेपाल के डीएसपी और भारतीय कस्टम अधिकारी शामिल थे। हालांकि इस बातचीत का कोई समाधान नहीं निकल सका। दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर कायम रहे।
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10 मार्च 2024 से पहले पोस्ट मौजूद था
बताया जा रहा है कि 10 मार्च 2024 को गृह मंत्रालय के आदेश पर एसएसबी का अस्थायी पोस्ट इस जगह से हटाया गया था और वहां सिर्फ दो महिला कांस्टेबल की हेल्प डेस्क मौजूद थी। अब दोबारा पोस्ट बनाए जाने की कोशिश से विवाद गहरा गया है।
एसएसबी अधिकारी दिव्यांशु चौहान का कहना है कि एसएसबी को भारत-नेपाल सीमा पर 15 किलोमीटर के भीतर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का अधिकार है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्माण स्थायी नहीं है बल्कि सुरक्षा के उद्देश्य से एक अस्थायी पोस्ट बनाया जा रहा है।