Highlights
- अनिरुद्धाचार्य ने कहा – राजा को प्रजा से प्रेम करना चाहिए
- बोले – अगर सवाल का जवाब पसंद न आए तो द्वेष उचित नहीं
- कथावाचक ने अखिलेश के व्यवहार को राजा के अनुकूल नहीं बताया
धार्मिक कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच एक मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब अनिरुद्धाचार्य ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जब कोई राजा ही अपनी प्रजा के प्रति द्वेष रखेगा तो वह देश की सेवा कैसे कर सकता है। दरअसल, वायरल वीडियो में अखिलेश यादव कथावाचक से कहते हुए दिखाई दिए थे – “आपका रास्ता अलग, मेरा रास्ता अलग।” इसी टिप्पणी पर अनिरुद्धाचार्य ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई है।
कथावाचक ने कहा कि एक नेता (बिना नाम लिए) उनसे भगवान का नाम पूछते हैं और जब जवाब उनकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं मिलता तो कह देते हैं कि “आपका रास्ता अलग, हमारा अलग।” अनिरुद्धाचार्य ने तंज कसते हुए कहा कि यह आचरण उस व्यक्ति का है जो खुद एक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर राजा ही अपनी प्रजा को गलत मान ले और प्रेम न दिखाए तो फिर उसका व्यवहार कैसा होगा।
“अगर सवाल का जवाब पसंद न आए तो अलग रास्ता चुन लेना सही नहीं”
अनिरुद्धाचार्य ने आगे कहा कि अगर किसी मां का बेटा किसी सवाल का जवाब न दे पाए तो वह यह नहीं कहती कि “तेरा रास्ता अलग, मेरा अलग।” यह बात उन्होंने समझाने के लिए कहा कि एक नेता को जनता से ममता रखनी चाहिए, द्वेष नहीं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने सिर्फ वही उत्तर दिया जो सच था, न कि वह जो सामने वाला सुनना चाहता था।
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उन्होंने सवाल उठाया कि जब कोई पूर्व मुख्यमंत्री एक सामान्य व्यक्ति से इस तरह का व्यवहार करता है तो फिर सत्ता में रहते हुए वह कैसे सभी को साथ लेकर चलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप पहले से तय कर लें कि कौन सा उत्तर चाहिए और सामने वाला वह न दे तो उसे खारिज कर देना कोई समाधान नहीं है।