बिना फ्रिज के ठंडा पानी! गर्मियों में घड़े का पानी ठंडा रखने के आसान घरेलू उपाय

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गर्मियों में घड़े का पानी ठंडा रखने के आसान घरेलू उपाय

गर्मी का मौसम आते ही लोग ठंडे पानी की तलाश में रहते हैं। लेकिन हर कोई फ्रिज का इस्तेमाल नहीं करता या करना नहीं चाहता। ऐसे में मिट्टी का घड़ा या मटका एक पारंपरिक और प्राकृतिक विकल्प है जो न सिर्फ पानी को ठंडा करता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहतर होता है। जानिए कैसे आप गर्मियों में भी घड़े का पानी ठंडा बनाए रख सकते हैं?

गांवों से लेकर शहरों तक आज भी मिट्टी के घड़े का इस्तेमाल पानी को ठंडा और स्वादिष्ट बनाए रखने के लिए किया जाता है। लेकिन गर्मियों में घड़े का पानी भी गर्म हो सकता है अगर उसकी सही देखभाल न हो। ऐसे में कुछ आसान घरेलू उपायों को अपनाकर मटके के पानी को लंबे समय तक ठंडा रखा जा सकता है।

1. घड़े को रखें छायादार जगह में

घड़े को हमेशा ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहाँ सीधी धूप न पड़े। अगर मटका सूरज की रोशनी में रहेगा तो उसकी मिट्टी गर्म हो जाएगी और वह पानी को ठंडा रखने की अपनी प्राकृतिक क्षमता खो देगा। बेहतर परिणाम के लिए घड़े को बरामदे, रसोई के ठंडे कोने, छायादार बालकनी या बगीचे की घनी छांव में रखें। अगर घड़े के चारों ओर हरियाली हो तो वह हवा को ठंडा रखती है, जिससे मटका ज्यादा लंबे समय तक ठंडा पानी दे सकता है।

2. मटके को गीले कपड़े से ढकें

मिट्टी से बना मटका वाष्पीकरण (evaporation) की प्रक्रिया से पानी को ठंडा रखता है। इस प्रक्रिया को और तेज़ करने के लिए मटके को गीले सूती कपड़े, जूट बोरी या टेरी टॉवेल से ढक दें। जब हवा उस गीले कपड़े से टकराती है तो उसमें से पानी वाष्पित होता है और घड़े के अंदर का तापमान कम होता है। दिन में दो-तीन बार कपड़े को दोबारा गीला करें ताकि ठंडक बनी रहे।

3. हवादार स्थान में रखें घड़ा

मटके को ऐसी जगह रखें जहाँ प्राकृतिक हवा या वेंटिलेशन मौजूद हो। यदि घड़ा बंद कमरे या अलमारी में रखा हो तो उसमें वाष्पीकरण की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी। हवा घड़े की सतह पर लगती है और वहाँ से पानी सूक्ष्म रूप में वाष्पित होता है, जिससे घड़े के अंदर का तापमान गिरता है।

4. अच्छी क्वालिटी का घड़ा चुनें

सिर्फ मटका खरीद लेना काफी नहीं बल्कि उसकी क्वालिटी पर भी ध्यान देना जरूरी है। बिना चमक वाला (non-glazed), छिद्रयुक्त (porous) और मोटी दीवारों वाला घड़ा अधिक पानी सोखता है और उसे ज्यादा देर तक ठंडा बनाए रखता है। पतली दीवारों वाला घड़ा जल्दी गर्म हो जाता है और पानी भी जल्दी गर्म हो जाता है। स्थानीय कुम्हारों से बना देसी मटका आमतौर पर सबसे बढ़िया होता है।

5. उपयोग से पहले घड़े को तैयार करें

नए घड़े को सीधे उपयोग में लेने से पहले उसे कम से कम 12 घंटे तक पानी से भरकर छोड़ दें या उसे नमक मिले पानी में डुबोकर रखें। इससे मिट्टी के छोटे-छोटे छिद्र खुल जाते हैं और घड़ा पानी को बेहतर तरीके से ठंडा रखने लगता है। कुछ लोग पहले उपयोग से पहले घड़े में थोड़ा पानी डालकर उसे धूप में भी रखते हैं, ताकि मिट्टी पूरी तरह एक्टिव हो जाए।

6. ढक्कन का करें इस्तेमाल

घड़े के ऊपर एक मिट्टी का ही ढक्कन या ढक्कन के रूप में एक साफ स्टील की प्लेट अवश्य रखें। इससे न केवल पानी धूल-मिट्टी और कीड़ों से सुरक्षित रहता है बल्कि यह पानी की ठंडक को भी बनाए रखता है। खुला मटका अधिक तेजी से गर्म हो सकता है और उसमें बैक्टीरिया या मच्छर भी पनप सकते हैं।

7. नियमित सफाई जरूरी

मटके को हर 5–7 दिन में गर्म पानी और नींबू/बेकिंग सोडा/सिरका से साफ करें। यदि आप घड़े को साफ नहीं करते हैं तो उसकी भीतरी सतह पर मिट्टी की परत जमने लगती है जो पानी के स्वाद और गुणवत्ता दोनों को प्रभावित करती है। नियमित सफाई से पानी न सिर्फ ठंडा बल्कि स्वच्छ और बैक्टीरिया-फ्री भी बना रहता है।