नई दिल्ली। आगे बढ़ता 5जी नेटवर्क बहुत जल्द हमारे दिनचर्या में बड़ा बदलाव लाएगा। इससे हमें तेज डेटा स्पीड, कम लेटेंसी और ज्यादा नेटवर्क क्षमता का फायदा होगा। यह नए आईओटी डिवाइस, ऑटोमेटेड वाहन और स्मार्ट शहरों को आगे आने में बढ़ावा देगा। आगे बढ़ते हुए हमारे शोध और विकास के क्षेत्र में 6जी प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित होगा। इसमें हम टेराहर्ज फ्रीक्वेंसी, होलोग्राफिक संचार और क्वांटम नेटवर्किंग जैसी नई अवधारणाओं का इनोवेशन करेंगे। इससे संचार माध्यमों में ही नहीं, बल्कि अनेक नई और उच्च स्तरीय सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।
पीएम ने जारी किया प्लान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक भारत में 6जी कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी को रोल आउट करने का प्लान जारी किया है। इस विजन डॉक्यूमेंट में बताया गया है कि इस 6जी मिशन में देश की इंडस्ट्री, शिक्षाविदों और सर्विस प्रोवाइडर को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही रिसर्च के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की जाएगी।
इस दस्तावेज में जानकारी दी गई है कि वर्तमान में लगभग 30 करोड़ भारतीय परिवारों के पास स्मार्टफोन है और इसकी कुल एक साल की खरीद 16 करोड़ से अधिक है।
क्या है 6 जी
6जी तकनीक अभी तक हमारे सामने नहीं है, लेकिन यह एक बेहतर तकनीक की कल्पना है, जो 5जी के मुकाबले 100 गुना तेज इंटरनेट स्पीड का वादा करती है। प्रधानमंत्री मोदी ने 5जी सेवाओं की शुरुआत अक्टूबर 2022 में की थी और उन्होंने बताया कि भारत को आने वाले 10 वर्षों में 6जी सेवाओं की तैयारी करनी चाहिए। 5जी की तुलना में जो 10 गीगाबिट प्रति सेकंड तक की इंटरनेट स्पीड प्रदान कर सकता है वह अब 6जी 1 टेराबाईट प्रति सेकंड तक की गति के साथ अल्ट्रा-लो लेटेंसी देने का वादा करती है।
5जी और 6जी के बीच में क्या अंतर है ?
5जी और 6जी तकनीक में मुख्य अंतर यह है कि 5जी में इंटरनेट स्पीड 20 गीगाबिट प्रति सेकंड तक हो सकती है, जबकि 6जी में इंटरनेट स्पीड 1 टेराबाइट प्रति सेकंड तक की होगी। इसका मतलब है कि 6जी, 5जी की तुलना में 100 गुना तेजी से डेटा ट्रांसमीट करने में सक्षम होगा।