अमित शाह कांग्रेस पर बरसे

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों के मुद्दे को बीच में लाने का आरोप लगाया। अमित शाह ने कहा, विपक्ष के नेता ही बार बार पाकिस्तान का मुद्दा चुनाव में लाते हैं। वे कह रहे हैं कि पाकिस्तान के पास एटम बम है, इसलिए हमें पीओके पर बात नहीं करनी चाहिए। गृह मंत्री ने कहा, क्या हम एटम बम के डर से हम PoK को जाने दें।

कांग्रेस ने इस टिप्पड़ी से अपने को अलग कर लिया

अमित शाह मणिशंकर अय्यर के एक बयान का जिक्र कर रहे थे, जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि पड़ोसी मुल्क पास परमाणु बम हैं। अगर हम उन्हें इज्जत नहीं देंगे तो वे भारत पर परमाणु हमला करने की सोच सकते हैं। हालांकि कांग्रेस ने खुद को अय्यर की इस टिप्पणी से अलग कर लिया था।

फारुख अब्दुल्ला ने भी परमाणु शक्ति की बात की

मणिशंकर अय्यर के अलावा, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी हाल ही में पाकिस्तान की परमाणु शक्ति के बारे में बात की थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ‘PoK का भारत में विलय होगा’ वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने कहा था कि पाकिस्तान चुपचाप नहीं देखेगा।

गोलियों का जवाब तोपों से

अमित शाह ने कहा परमाणु बम के डर से कांग्रेस पीओके पर भारत का अधिकार छोड़ना चाहते हैं। लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। नरेंद्र मोदी फिर एक बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और इस बार पाकिस्तान की गोलियों का जवाब तोप से दिया जाएगा।”

तेलंगाना के सीएम पर साधा निशाना

अमित शाह ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को भी घेरा। अमित शाह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर रेवंत रेड्डी की टिप्पणी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक की और आतंकवादियों को खत्म किया।”

अमित शाह का राजनीतिक सफर

अमित शाह एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा सम्प्रति भारत के गृह मंत्री हैं। इसके पहले वे भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष, गुजरात राज्य के गृहमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के महासचिव रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में गांधी नगर से लोकसभा के सांसद चुने गए हैं। इसके पहले वे राज्यसभा के सदस्य थे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भारत के गृहमंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने का बड़ा फैसला लिया जो कांग्रेस के सत्ता में रहते प्रायः असम्भव माना जाता था।

अमित शाह 1987 में भाजपा में शामिल हुए। 1987 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का सदस्य बनाया गया। शाह को पहला बड़ा राजनीतिक मौका मिला 1991 में, जब आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला। दूसरा मौका 1996 में मिला, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ना तय किया।

अमित शाह ने 1997 में गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उप चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1999 में वे अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के प्रेसिडेंट चुने गए। 2009 में वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बने। 2014 में नरेंद्र मोदी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने।