भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा अहंकार में मदमस्त है। विपक्ष को खत्म करने के लिए पार्टी को तोड़ देने, केजरीवाल (Arvind Kejriwal) व हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को जेल भेज देने, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को किडनैप कर लेने एवं पूरे देश में तहस-नहस कर देने में लगी हुई है। इस अहंकार को मिटाने के लिए यह चुनाव उपयुक्त है।
हिलसा बाजार में पैदल रोड शो किया
दीपंकर सोमवार को हिलसा में भाकपा माले के आईएनडीआईए के भाकपा माले प्रत्याशी डॉ. संदीप सौरभ के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। सभा के बाद उन्होंने हिलसा बाजार में पैदल रोड शो किया। इसके पश्चात वाहन से एकंगरसराय, इस्लामपुर होते हुए राजगीर के लिए प्रस्थान कर गए।
दीपंकर ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार का 20 साल का शासन होने को है। इस दौर में विकास की बात तो बहुत हुई, लेकिन जब जाति आधारित गणना हुई तो सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि बिहार का 33 प्रतिशत परिवार आज भी छह हजार से कम आमदनी पर जिंदा है।
प्रत्येक परिवार की एक महिला को एक लाख- दीपांकर भट्टाचार्य
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में गरीबों का विकास नहीं हुआ, बल्कि गरीबी का विकास हुआ है। आइएनडीआइए की सरकार बनने पर प्रत्येक परिवार की एक महिला को एक लाख, 10 किलो राशन, 200 यूनिट फ्री बिजली, 500 रुपये में सिलेंडर, नौजवानों के लिए सम्मान जनक रोजगार की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी के खाली पड़े 30 लाख पदों पर शीघ्र बहाली की जाएगी। वहीं एक करोड़ नौकरियों का सृजन किया जाएगा। चुनावी सभा को भाकपा माले के प्रत्याशी डा. संदीप सौरभ, भाकपा माले विधायक मखदूम आलम, राजद विधायक राकेश रोशन, पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव, एमएलसी शशि यादव के अलावे आइएनडीआइए के अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।
दीपांकर भट्टचार्य
दीपांकर भट्टाचार्य का जन्म गुवाहाटी, असम में दिसंबर 1960 में हुआ था। उनके पिता बैद्यनाथ भट्टाचार्य थे जो भारतीय रेलवे के कर्मचारी थे। उन्होंने रामकृष्ण मिशन विद्यालय, नरेंद्रपुर कोलकाता में अध्ययन किया और पश्चिम बंगाल उच्चतर माध्यमिक बोर्ड की 1979 की बोर्ड परीक्षा में शीर्ष स्थान पर रहे। अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, वह भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता में शामिल हो गए। उन्होंने 1982 में बैचलर ऑफ स्टैटिस्टिक्स (बी.स्टेट) की डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1984 में मास्टर ऑफ स्टैटिस्टिक्स (एम.स्टेट) की डिग्री के साथ पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा किया।
दीपांकर भट्टाचार्य एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के राष्ट्रीय महासचिव हैं । वह 1979 की उच्चतर माध्यमिक बोर्ड परीक्षा के शीर्ष रैंकर थे और उनके पास एम.स्टेट है। भारतीय सांख्यिकी संस्थान से डिग्री । भट्टाचार्य 1998 में विनोद मिश्रा के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बने । वह पूर्व में इंडियन पीपुल्स फ्रंट और ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस के सचिव थे ।
राजनितिक करियर
दीपांकर भट्टाचार्य भारतीय सांख्यिकी संस्थान में अपने पाठ्यक्रम के दौरान राजनीतिक कार्यों में शामिल हो गए। उन्होंने 1982 और 1994 के बीच इंडियन पीपुल्स फ्रंट के महासचिव के रूप में कार्य किया और बाद में ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस के महासचिव बने । दिसंबर 1987 में, उन्हें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन की केंद्रीय समिति के लिए चुना गया । पार्टी के महासचिव विनोद मिश्रा के निधन के बाद भट्टाचार्य को सर्वसम्मति से इस पद पर चुना गया।