तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और पार्टी के बीच का विवाद अभिषेक बनर्जी के हस्तक्षेप से समाप्त हो गया है। मंगलवार से तृणमूल विधायक उषारानी मंडल और उनके पति मृत्युंजय मंडल तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। दोनों ममता बनर्जी की एक जनसभा में शामिल नहीं हुए थे, जिसके बाद से ही तृणमूल सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाया था।
ममता बनर्जी की चेतावनी
शनिवार को एक चुनावी सभा में ममता बनर्जी ने अपनी ही पार्टी की विधायक उषारानी मंडल और उनके पति पर भाजपा से गुप्त साठगांठ का आरोप लगाते हुए कड़ी चेतावनी दी थी। उत्तर 24 परगना के बशीरहाट लोकसभा केंद्र से तृणमूल प्रत्याशी हाजी नुरुल इस्लाम के समर्थन में हाड़ोआ में आयोजित जनसभा में मिनाखां की विधायक उषारानी मंडल के नहीं आने पर ममता ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मंच से ही चेतावनी देते हुए कहा कि सभा में नहीं आने पर उनका पार्टी से कोई संबंध नहीं रहेगा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान
ममता ने कहा था कि पार्टी विधायक उषारानी मंडल के बिना नहीं चलेगी। जब तक वे पैर पकड़कर माफी नहीं मांगतीं, तब तक उन्हें पार्टी में स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर विधायक सभाओं और बैठकों में नहीं आएंगे, तो यह स्वीकार नहीं है। ममता ने स्पष्ट किया कि ऐसे लोग पार्टी में नहीं चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या विधायक अपने पति के साथ मिलकर पार्टी को बेच देंगी? यह अस्वीकार्य है।
विवाद का अंत
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा इलाके में पैसे देकर वोट खरीदने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि हर दिन भाजपा नेता लाखों-लाखों रुपये के साथ पकड़े जा रहे हैं। भाजपा सोच रही है कि नकदी से हर किसी को खरीद लें।
यह मामला सामने आने के बाद अभिषेक बनर्जी ने विधायक उषारानी मंडल को मिलने के लिए बुलाया। इसके बाद विवाद समाप्त हो गया और अब विधायक तृणमूल उम्मीदवार के समर्थन में चुनाव प्रचार में सक्रिय हैं।