देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। सात चरण में होने वाले इस चुनाव में चौथे दौर के लिए सोमवार को वोट डाले जाएंगे। अब तक चुनाव प्रचार में मुस्लिम तुष्टिकरण, मुस्लिम आरक्षण से लेकर पाकिस्तान का मुद्दा प्रमुखता से छाया हुआ है।
निचले सदन में कम हो जाएगा प्रतिनिधित्व
ओवैसी ने कहा कि देश के मुसलमान इस बात को मानते हैं कि बीजेपी के लिए वो कुछ भी नहीं हैं। वहीं तथाकथित धर्मनिरपेक्ष भारत गठबंधन मुस्लिम अल्पसंख्यकों को टिकट देने में बहुत अनिच्छुक है। महाराष्ट्र में 48 सीटे होने के बावजूद एक भी मुसलमान को चुनाव में टिकट नहीं मिला है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक यही स्थिति हैं। ओवैसी का कहना है कि यह चिंता का एक बड़ा कारण है इसलिए भी है क्योंकि लोकतंत्र के प्रतिनिधि रूप में, यदि मुसलमानों को चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार भी नहीं बनाया जा रहा है, तो निश्चित रूप से संसद के निचले सदन में उनका प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा।
मोदी मुसलमानो से नफ़रत करते
पीएम मोदी के हमले को लेकर ओवैसी ने कहा कि इसको लेकर मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं हूं। इसकी वजह है कि वही उनका असली डीएनए है। वही उनकी मूल भाषा है। यही उनकी मौलिकता है-जो यह है कि वे मुसलमानों से नफरत करते हैं। यही असली हिंदुत्व विचारधारा है। प्रधानमंत्री 2002 से लगातार यह कहते आ रहे हैं, जिसने दुर्भाग्य से उन्हें इस महान देश का दो बार प्रधानमंत्री बनाया।
भारत में मुस्लिम प्रधानमंत्री को लेकर सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि इंशाअल्लाह, यह हिजाब पहनने वाली और इस महान राष्ट्र का नेतृत्व करने वाली एक महिला के रूप में होगा। उन्होंने कहा कि समय आएगा। शायद मैं वह दिन देखने के लिए जिंदा नहीं रहूंगा, लेकिन इंशाअल्लाह ऐसा होगा।
इंडिया गठबंधन ने नहीं दिया मुस्लिमो को टिकट
इंडिया गठबंधन ने नहीं दिया मुसलमानों को टिकट इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि ये लोग मुस्लिमों को टिकट देने से कतरा रहे हैं। महाराष्ट्र में 48 में से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार इंडिया गठबंधन का नहीं है। ऐसा ही राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली में है। अगर मुसलमानों को टिकट ही नहीं दिया जाएगा तो लोकसभा में इन लोगों को प्रतिनिधित्व कौन करेगा, क्या ही देश की अनेकता में एकता है। ये लोग यही संदेश देना चाहते हैं कि आप बस वोट दीजिए, घर में आराम कीजिए।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “मैं कोई सर्वे करने वाला नहीं हूं। न कोई ज्योतिषि हूं या फिर कोई फिलॉसफर। मैं एक नेता हूं और ये सुनिश्चित करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा हूं कि मेरी पार्टी के उम्मीदवार जीतें। जहां पर संभव है, वहां पर हमने कॉल किया है. उदाहरण के लिए तेलंगाना जहां पर 17 सीटें हैं। हैदराबाद में कृपया एमआईएम को वोट दें और तेलंगाना की बाकी 16 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को हराएं। जहां हम अकेले या गठबंधन के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, हम लोगों से हमारे लिए वोट करने के लिए कह रहे हैं। जहां हम नहीं हैं, वहां हम खुलेआम कह रहे हैं कि कृपया बीजेपी को हराएं।
पीडीएम न्याय मोर्चा
औवैसी का कहना है कि हम यूपी में पीडीएम न्याय मोर्चा का हिस्सा हैं, जोकि दलित और मुस्लिम का गठबंधन है। इसकी अगुवाई अपना दल की पल्लवी पटेल कर रही है। बिहार और झारखंड में हम 1-2 सीटों पर लड़ रहे हैं।
वोट काटने का आरोप
हम पर मुस्लिमों का वोट काटने का आरोप लगाया जाता है। आप लोग बताइए फिर 2019 लोकसभा के चुनाव में सांसद सोनिया गाधी की जीत का अंतर कैसे कम हो गया। राहुल भइया अमेठी से चुनाव कैसे हार गए। रायबरेली के दो कांग्रेस विधायक क्यों भाजपा में चले गए। इसका कांग्रेस के पास कोई जवाब नहीं है।