नई दुल्हन ससुराल में क्यों नहीं मनाती अपनी पहली होली?
नई दुल्हन ससुराल में क्यों नहीं मनाती अपनी पहली होली?

रंगों से भरी होली का त्योहार भारत संस्कृति का काफी खूबसूरत त्योहार है. इस दिन रिश्तों में हुए सभी गिले शिकवे दूर करके सभी लोग आपस में प्रेम से होली खेलते है. जिससे उनका रिश्ता और भी गहरा हो जाता है. लेकिन जब नयी नवेली दुल्हन की पहली होली होती है, तो इस त्योहार को उसे अपने मायके में मनाना पड़ता है. ये रीति हम अपने बढ़े-बुज़ुर्गों से सदियों से सुनते आए हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि इसके पीछा का क्या कारण है, आखिर नई नवेली बहु अपनी पहली होली ससुराल में क्यों नहीं मनाती हैं…

नई दुल्हन ससुराल में क्यों नहीं मनाती अपनी पहली होली?

ऐसा माना जाता है कि अगर दुल्हन पहली होली ससुराल में मनाती है, तो उससे घर की सुख-समृद्धि खराब हो जाती है. घर में क्लेश बढ़ता है. वहीं अगर नई दुल्हन होलिका दहन होते हुए देख ले तो ऐसा माना जाता है कि उसके अपनी सांस के साथ रिश्ते खराब होते हैं. साथ ही, अगर शादी के बाद वह अपनी पहली होली मायके में मनाती है तो इससे वैवाहिक जीवन अच्छा होता है और साथ में ससुराल वालों के साथ रिश्ते अच्छे होते हैं.

ये भी कहा जाता है कि अगर गर्भवती महिला भी अपनी पहली होली मायके में मनाती है, तो इसकी होने वाली संतान का स्वास्थ्य अच्छा रहता है. इसलिए गर्भवती महिला को भी पहली होली मायके में ही सेलिब्रेट करनी चाहिए.

नई दुल्हन ससुराल में क्यों नहीं मनाती अपनी पहली होली?

माना जाता है कि शादी के बाद पहली होली पति के साथ मायके में खेलने से भी पति-पत्नि दोनों के बीच के रिश्ते में मधुरता आती है. दामाद के साथ कुछ अच्छा समय बिताने का समय ससुरालवालों को भी मिल जाता है…इस लिहाज़ से पहली होली बहू को ससुराल में नहीं बल्कि मायके में ही मनानी चाहिए.