कार में काले शीशे लगवाने से पहले जान लें नियम, नहीं तो कट सकता है चालान

गर्मी से बचाव और प्राइवेसी के लिए कई लोग अपनी कारों में काले शीशे या सन फिल्म लगवाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में टिंटेड ग्लास पर सख्त नियम लागू हैं? अगर आपकी कार के शीशे तय सीमा से ज्यादा काले हैं तो आपको चालान भरना पड़ सकता है।

0
कार में काले शीशे लगवाने से पहले जान लें नियम, नहीं तो कट सकता है चालान

Key Points

  • फ्रंट और रियर विंडशील्ड में कम से कम 70% दृश्यता अनिवार्य।
  • साइड विंडो में कम से कम 50% दृश्यता जरूरी।
  • कानून का उल्लंघन करने पर ₹100 से ₹500 तक का जुर्माना।

भारत में कार के शीशों पर टिंटेड ग्लास या सन फिल्म लगवाना आम है लेकिन इसके लिए कानून में सख्त नियम हैं। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर कहा था कि किसी भी वाहन में ऐसी फिल्म या टिंटेड ग्लास नहीं लगाया जा सकता जिससे दृश्यता कम हो। इस आदेश का उद्देश्य सड़क सुरक्षा बढ़ाना और अपराधों को रोकना था।

कानूनी नियम:

  • फ्रंट और रियर विंडशील्ड: कम से कम 70% दृश्यता (VLT) होनी चाहिए।
  • साइड विंडो: कम से कम 50% दृश्यता होनी चाहिए।

यदि आपकी कार के शीशे इन मानकों से हटकर लगवाते हैं तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा। इसके बाद आपको जुर्माना और सजा भी मिल सकती है।

जुर्माना और सजा:

  • पहली बार उल्लंघन पर ₹100 का जुर्माना।
  • दूसरी बार ₹300 का जुर्माना।
  • तीसरी बार ₹300 का जुर्माना और ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड हो सकता है।

कुछ राज्यों में यह जुर्माना और भी अधिक हो सकता है। उदाहरण के लिए मैसूरु में पुलिस ₹500 का चालान काट रही है और मौके पर ही टिंट हटाने का आदेश दे रही है।

क्यों है प्रतिबंध?

काले शीशों के कारण वाहन के अंदर की गतिविधियां बाहर से नहीं दिखतीं जिससे अपराधियों को छिपने का मौका मिलता है। इसके अलावा रात के समय या खराब मौसम में ड्राइवर को देखने में समस्या होती है जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।

क्या है विकल्प?

अगर आप धूप से बचाव चाहते हैं तो RTO-अनुमोदित क्लियर फिल्म्स या डिटैचेबल सन शेड्स का उपयोग कर सकते हैं। ये विकल्प कानूनी हैं और सुरक्षा भी प्रदान करते हैं।