दुष्यंत चौटाला की पार्टी

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के साथ हरियाणा में साढ़े चार साल तक सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी में अब बिखराव आ गया है। जजपा के प्रदेश प्रधान निशान सिंह, राष्ट्रीय महासचिव कमलेश सैनी और पूर्व विधायक सतविंदर राणा के पार्टी छोड़ दी है, जिसके बाद से ही कई ऐसे मौजूदा विधायक हैं, जो कि दल-बदलने को तैयार बैठे हैं।

इनेलो से अलग होकर बनी थी जेजेपी

बता दें कि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला वाली इनेलो (Indian National Lokdal) में फाड़ के बाद जजपा (जननायक जनता पार्टी) का जन्म हुआ था। बता दें कि इनेलो की बागडोर अजय चौटाला और पोते दुष्यंत चौटाला के हाथ में है। जबकि छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला के बास इनेलो का कमान है।

AAP के साथ JJP ने लड़ा था 2019 के आम चुनाव

पहले इनेलो से अलग होकर अपनी पार्टी जजपा बनाई, बाद साल 2019 में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में जजपा ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उन चुनावों में जजपा ने अपने 7 और आप ने अपने 3 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन इन चुनावों में न सिर्फ जजपा और आप, बल्कि कांग्रेस को भी पीछे छोड़ते हुए भाजपा ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया था।

विधानसभा चुनावों में जजपा ने जीती थी 10 सीटें

हरियाणा में साल 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें जजपा ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद जजपा ने भाजपा के साथ सरकार चलाई और सीएम मनोहर लाल के साथ दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने। खास बात तो ये है कि इन साढे़ चार साल में जजपा के विधायक भाजपा के रंग में पूरी तरह से रंग गए थे। , बल्कि मौका मिलने पर किसी भी समय भगवा चोला धारण करने को तैयार बैठे हैं। कुछ विधायक कांग्रेस के साथ पींगें बढ़ा रहे हैं। उन्हें जहां फायदा नजर आएगा, उस दल में कूद जाएंगे।