Lok Sabha Election

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में प्रत्याशियों के सीटों का फेरबदल लगातार जारी है। बदायूं लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने 68 दिन में तीसरी बार उम्मीदवार बदल दिया है। अखिलेश यादव ने एक बार फिर बदायूं की सीट से उम्मीदवार को बदल दिया है। हालांकि टिकट मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्य को दिया गया है। बदायूं लोकसभा सीट से शिवपाल यादव चुनाव लड़ने वाले थे, लेकिन अब शिवपाल यादव की जगह उनके पुत्र आदित्य यादव चुनाव लड़ेंगे।

धर्मेंद्र यादव के बाद शिवपाल यादव के दिया था टिकट

वहीं लोकसभा चुनावी प्रचार के दौरान बदायूं में लगभग 40 जनसभा हुई थी, जिनमे 5 जनसभा शिवपाल यादव ने जबकि 35 जनसभा आदित्य यादव ने संभाली थी। बता दें कि फरवरी माह में समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव को बदायूं लोकसभा सीट से टिकट दिया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद धर्मेंद्र यादव का टिकट काट कर शिवपाल यादव को टिकट दिया गया था।

शिवपाल यादव के बाद बेटे आदित्य को मिला टिकट

शिवपाल यादव ने कुछ दिनों तक बदायूं में चुनावी प्रचार किया, लेकिन समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव का भी टिकट काटकर उनके बेटे को दे दिया। शिवपाल यादव ने कुछ दिन पहले कहा था कि बदायूं की जनता युवा नेतृत्व चाहती है, इसलिए वह अपने बेटे को वहां से चुनाव लड़ाना चाहते है।

सीएम योगी ने सपा पर साधा निशाना

सपा के बार-बार प्रत्याशी बदलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो अप्रैल को बदायूं में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में तंज कसा था। कहा था कि सपा के उम्मीदवार मैदान छोड़कर भाग रहे हैं। एक भाग चुके हैं और दूसरे भागने की तैयारी कर रहे हैं।

मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य को टिकट देने से इनकार

आध्यात्मिक नेताओं और कवियों की भूमि के रूप में जाना जाने वाला बदायूं पिछले कुछ वर्षों में राजनेताओं की संतानों के लिए लॉन्च पैड बन गया है। बदायूं से भाजपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटी और मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य को टिकट देने से इनकार कर दिया है। उनकी जगह दुर्विजय सिंह शाक्य को टिकट दिया गया है, जो ब्रज क्षेत्र में पार्टी के अध्यक्ष हैं।

बदायूं की 5 सीटों पर सपा की पकड़ मजबूत

बता दें कि बदायूं लोकसभा सीट में कुल 5 विधानसभा है और इन पांचों विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के बढ़त बनाये रखने का दावा शिवपाल यादव ने किया है। यह सीट समाजवादी पार्टी अपनी सेफ सीट मान कर चल रही है।

सपा मुस्लिम-यादव फॉर्मूले पर काम कर रही

खास बात तो ये है कि बदायूं को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है, क्योंकि पार्टी ने 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में लगातार छह लोकसभा चुनावों में यह सीट जीती थी। 1991 तथा 2019 में सपा यहां से चुनाव हारी थी। इस सीट को दोबारा हासिल करने के लिए सपा मुस्लिम-यादव फॉर्मूले पर काम कर रही है। बदायूं लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा 6 बार समाजवादी पार्टी जीती है तो पांच बार कांग्रेस जीती है और दो बार बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की है।