संसद का विशेष सत्र 18 सितम्बर से शुरू हो चुका है. जो पांच दिनों तक यानी 22 सितम्बर 2023 तक चलेगा. इस दौरान पीएम मोदी ने नई संसद को संबोधित करते हुए सभी को “मिच्छामी दुक्कड़म” कहा है. आखिर क्या है इस शब्द का मतलब? क्या ये जैन धर्म से जुड़ा है? आइए जानते है.
गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर नए सदन का भी श्री गणेश किया गया है. साथ ही ये संसद का विशेष सत्र है. संसद के इस विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबको संबोधित करते हुए ये कहा कि,“ये समय अतीत की हर कड़वाहट को भुलाने का है, मेरी तरफ से सभी को मिच्छामी दुक्कड़म.” दरअसल, ये शब्द जैन धर्म से जुड़ा है. आज के दिन ही जैन धर्म का संवत्सरी यानी क्षमा वाणिका दिन भी है. इस पर्व के दौरान सभी लोग आपस में एक दूसरे को “मिच्छामी दुक्कड़म” कहकर खुद से अनजाने में हुई गलतियों को लेकर माफी मांगते हैं. इसमें मिच्छामी का मतलब क्षमा से है और दुक्कड़म का मतलब गलतियों से.
जैन धर्म की मान्यता के मुताबिक इस दिन सभी लोग आपस में “मिच्छामी दुक्कड़म” इसलिए कहते है कि यदि अनजाने में खुद से हुई गलतियों को लेकर क्षमा मांग ली जाए, तो इससे आपसी संबंध मजबूत होते है और एक-दूसरे को लेकर मन की कड़वाहट दूर होती है. जिससे रिश्तों में नई मिठास घुलती है.